म्याह माता मंदिर में बेटियों के सम्मान के लिए अनोखी परंपरा

उमेश भारद्वाज। मंडी

जहां प्रदेश सरकार और प्रशासन के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जागरूकता अभियान को लेकर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। वहीं मंडी जिला के चच्योट क्षेत्र का म्याह माता मंदिर पिछले 25 वर्षों से हर वर्ष 151 कन्याओं तथा 10 महिलाओं का पूजन कर बेटियों की रक्षा को लेकर समाज को एक अद्भुत संदेश दे रहा है। श्री देवी भगवती महिषासुर मर्दिनी म्याह का मंदिर जिला मंडी के चच्योट उपमंडल के बासा की पहाड़ी पर विराजमान है।जानकारी देते हुए सुकेत सर्व देवता कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अभिषेक सोनी ने कहा कि देवी माता का मंदिर पांडवों द्वारा स्थापित किया गया था और अज्ञातवास के दौरान पांडव इस स्थान पर रात्री के समय रुके थे।

उन्होंने कहा कि इसके प्रमाण आज भी मंदिर के गर्भ गृह मे मिलते है। देवी का मंदिर मंडप शैली में बना हुआ है। 10 हार क्षेत्र की अधिष्ठात्री देवी म्याह के मंदिर में नवरात्रि में चड़ी महायज्ञ, गायत्री महायज्ञ, गणपति पाठ, बटूक भैरो का पाठ हर वर्ष चैत्र तथा शरद नवरात्रि में किया जाता है। अभिषेक सोनी ने कहा कि नवरात्रि के प्रथम दिन देवी माता का रथ भंडार से मंदिर को लाया जाता है जिसके उपरांत नवरात्रि पूजन शुरू किया जाता है। इस वर्ष मंदिर में 10 ब्राह्मणों द्वारा महायज्ञ तथा महापूजन संपन्न किया गया।

नवरात्रि में प्रतिदिन देवी माता के मंदिर में बेल बजाई जाती है तथा श्रधालुओं द्वारा रात्री को भजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि नवरात्रि के उपरांत दशमी के दिन मंदिर में विशेष आयोजन किया जाता है। इस दिन देवी माता का दिगम्बर स्वरूप श्रीगांर किया जाता है जिसमें देवी माता को स्थानीय महिलाएं फूलों के वस्त्र तथा हार तैयार कर माता को अर्पित करती है।