अमेरिका और जापान की सेनाएं मिलकर करेंगी बड़ा युद्ध अभ्यास

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

चीन की आक्रामक हरकतों का जवाब देने के लिए जापान के शेंकाकू द्वीप समूह के नजदीक अमेरिका और जापान की सेनाएं मिलकर बड़ा अभ्यास करेंगी। यह जानकारी जापान के रक्षा मंत्री नोबुओ किशी ने दी है। इस संयुक्त अभ्यास में नौसेना, वायुसेना और थल सेना शामिल होंगी। यह अभ्यास जापान के शेंकाकू द्वीप की सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया जाएगा। इस द्वीप पर चीन दावा करता है और अक्सर वहां पर अपने युद्धपोत और लड़ाकू विमान भेजता रहता है। जापानी रक्षा मंत्री ने कहा कि हम शेंकाकू द्वीप में अपनी युद्ध क्षमता का विकास करना चाहते हैं।

जापानी रक्षा मंत्री ने कहा कि हम क्षेत्र में अपनी युद्ध क्षमता का विकास करना चाहते हैं। हमारा उद्देश्य शेंकाकू द्वीप और उसके आसपास के क्षेत्र में अपनी मौजूदगी को जताना है। संयुक्त अभ्यास का फैसला अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन की जापान यात्रा में हुआ है। यह टू प्लस टू वार्ता मंगलवार को टोक्यो में हुई थी।
ब्लिंकेन और ऑस्टिन ने साफ कर दिया है कि दोनों देशों के बीच हुए समझौते के चलते अमेरिका जापान की सुरक्षा में पूरा सहयोग देने के लिए वचनबद्ध है।

पूर्व चीन सागर में यथास्थिति को बदलने की किसी भी कोशिश का अमेरिका कड़ा विरोध करता है। चीन ने फरवरी में कानून बनाकर तटरक्षक बल को विदेशी जहाजों पर फायरिंग का अधिकार दे दिया है। इसी तटरक्षक बल के जहाज अकसर शेंकाकू द्वीप के आसपास आते रहते हैं। जापान अकसर चीन की हरकत पर विरोध जताता रहता है, लेकिन वर्षों से चीनी जहाजों का आवागमन बना हुआ है। हाल के वर्षों में तो यह बढ़ा है। शेंकाकू द्वीप के आसपास के समुद्र को चीन पूर्व चीन सागर का हिस्सा बताते हुए उस पर अपना अधिकार जताता है।