इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग हरित आवरण को बचाने का कारगर विकल्प

Use of electric vehicles is an effective option to save green cover

उज्जवल हिमाचल। शिमला

पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत बहुत से देशों ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवीएस) अपनाने पर बल दिया है। परिचालन व्यय को कम करने के लिए ईवीएस उत्कृष्ट माध्यम सिद्ध हुआ है। डीजल और गैस से चलने वाले वाहनों के स्थान पर ईवीएस का उपयोग हरित आवरण को बचाए रखने में कारगर विकल्प है। इनके उपयोग से वाहनों द्वारा ग्रीन हाऊस गैस उत्सर्जन में आशातीत कमी होगी।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह स्पष्ट किया है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग सुनिश्चित करेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति को नवाचार सुझावों के साथ प्रदेश में क्रियान्वित करने का निर्णय लिया है। यह परिवहन क्षेत्र के विपरीत प्रभावों को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण के हित में एक क्रांतिकारी कदम होगा। इस नीति के तहत सर्वप्रथम प्रदेश सचिवालय में इलेक्ट्रिक वाहनों के परिचालन को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके उपरांत, सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के लिए भी लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के प्रति प्रोत्साहित किया जाएगा।

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लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में उचित मापदण्डों के साथ इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। शुरुआती चरण में राज्य के विभिन्न सरकारी संस्थानों, जिनमें प्रदेश सचिवालय, हिमाचल भवन और राज्य के बाहर अन्य महत्वपूर्ण भवनों में यह सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।

राज्य सरकार हिमाचल पथ परिवहन निगम के शून्य बुक वैल्यू वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों से बदलने के लिए योजना तैयार कर रही है। इस नीति के अंतर्गत निगम की बसों के बेड़े में भी इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी। यह नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे न केवल वर्तमान बल्कि आने वाली पीढ़ियां भी लाभान्वित होंगी।

संवाददाताः ब्यूरो शिमला

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