मानवता की निस्वार्थ सेवा कर रहे विजय धीमान

भूषण शर्मा। नूरपुर

विजय धीमान गांव डाकघर मरहूं, तैह धीरा, जिला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश से संबंधित हैं। समाज सेवा में अपनी छाप बनाने वाला यह सेवक 80 % दिव्यांग है।जब तीन साल के थे तब मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नामक गंभीर बिमारी ने इन्हें जकड़ना शुरू कर दिया। क्या पता था कि यह बीमारी गंभीर रूप धारण कर लेगी और जिसकी गिरफ्त से चलना फिरना भी बंद हो जाएगा।

 

अपनी पढ़ाई को सुचारू रखते हुए इस बीमारी को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। इसके चलते बारहवीं कक्षा को पास किया। उसके बाद ITI सुंदरनगर से की। इलेक्ट्रॉनिक्स मैकेनिकल, दो साल
और एक साल एक्सपीरियंस और एक साल अप्रेंटिसशिप। एक साल जॉब, सिक्योर मीटर कंपनी बद्दी दमुबाला।

खुद की बीमारी को किनारे रखकर आज भी यह मानवता की निस्वार्थ सेवा में अग्रिणी पंक्ति में विराजमान हैं। आर्गन डोनेट करने वाला यह सेवक सब के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

एक छोटी सी दुकान चलाने वाले विजय धीमान मध्यम परिवार से संबंधित हैं। विजय धीमान पालमपुरिया नाम से मशहूर यह आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। शारीरिक दिक्कत भी इन्हें सेवा के मार्ग से अलग नहीं कर सकी।आज भी यह नशे के दुष्प्रभावों और लोगों को रक्तदान करने के लिए जागरूक करते रहते हैं।