खेतीबाड़ी से सलाना 3 लाख कमाई करते हैं विवेक कुमार

विवेक को खेतीबाड़ी व्यवसाय ने दिखाई प्रगति की नई राह

Vivek Kumar earns 3 lakhs annually from farming

उज्जवल हिमाचल। नगरोटा सूरियां

एक ओर युवा पीढ़ी आज के समय में जहां अपने खेतीबाड़ी और पशुपालन जैसे पुश्तैनी व्यवसाय से विमुख हो रही हैं, वहीं कुछ युवा पूर्वजों से विरासत में मिली खेतीबाड़ी की सीख को अपनाने के साथ आधुनिक तरीके से इस व्यवसाय को आगे बढ़ाकर समाज के लिए नई मिसाल पेश कर रहे हैं। ज्वाली विधानसभा क्षेत्र के तहत घाड़ जरोट गांव के विवेक कुमार की पारिवारिक पृष्ठभूमि किसान परिवार से है। उनके पिता सरकारी नौकरी के दौरान भी इस व्यवसाय से जुड़े रहे।

वर्ष 2008 में सेवानिवृति के पश्चात उन्होंने खेतीबाड़ी तथा पशुपालन व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने अपने बेटे विवेक को जमा दो की पढ़ाई पूरी करने के उपरांत आईटीआई करवाई। जिसके उपरांत वर्ष 2000 से 2005 तक विवेक कुमार ने परवाणु में निजी क्षेत्र में नौकरी की। उनके पिता ने नौकरी छोड़ कर पुश्तैनी व्यवसाय से जुड़ने को कहा। विवेक ने वर्ष 2006 में अपने पिता के साथ कृषि व्यवसाय से जुड़ कर विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।

कृषि विभाग से खेतीबाड़ी की उन्नत तकनीकों तथा व्यवसाय चलाने के लिए बताए गए आधुनिक तरीकों को भी अपनाने के साथ समय-समय पर मिलते मार्गदर्शन तथा प्रोत्साहन से विवेक खेतीबाड़ी के कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं। उनके पिता जिनका गत वर्ष मई माह में देहांत हो चुका है, द्वारा दिए गए मार्गदर्शन व गुर से विवेक आज 80 कनाल भूमि पर सब्ज़ियों तथा 40 कनाल भूमि पर गेहूं, धान, गन्ना तथा पशुओं के लिए हरे चारे का उत्पादन कर रहे हैं। कृषि विभाग द्वारा उनके खेतों में सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। जिससे मौसम पर निर्भरता समाप्त हुई है।

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वह खेतीबाड़ी में प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा दे रहे हैं जिससे खेतीबाड़ी पर कम लागत आ रही है। उन्होंने गत वर्ष प्राकृतिक खेती से सब्जियां उगाने के साथ 15-20 क्विंटल गेहूं पैदा की थी। जिसमें से 10 क्विंटल गेहूं 3500 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बेची है। वे भविष्य में प्राकृतिक खेती की तकनीकों को अपनाकर अच्छी किस्म के उत्पाद उगाकर मार्किट में बेचने के प्रयास कर रहे हैं।

विवेक कुमार स्वंय स्वावलंबी होने के साथ 10 और लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवा रहे हैं। उन्होंने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अच्छी किस्म की 6 गाय भी पाल रखी हैं जिनसे प्रतिदिन 40-45 लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है । जिसमें से 30 लीटर दूध की बिक्री कर रहे हैं। जबकि देसी खाद का अपने खेतों में प्रयोग कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त मांग पर पनीर व दहीं भी बेचते हैं। विवेक अपने व्यवसाय से सालाना चार से पाँच लाख रुपए तक आमदनी कमा रहे हैं।

क्या कहते हैं विवेक कुमार
प्रगतिशील किसान विवेक कुमार का कहना है कि वे खेतों में सीजन के अनुसार गेहूं, धान, मक्की, गन्ना के अतिरिक्त सब्जिओं में गोभी, टमाटर, भिंडी, बैंगन, मूली, शलगम, घीया, तोरी, पालक, धनिया, मटर, चुकंदर की खेती कर रहे हैं। जिससे सालाना 3 लाख रुपए तक कमाई कर रहे हैं।

उनका कहना है कि हमारे पुरखों ने गरीबी झेली है लेकिन जमीनें संभाल कर रखी। जिसकी बजह से हम नौकरी की इच्छा न करते हुए आज ज़मीन में ही अपना रोजगार चलाने के साथ 10 अन्य लोगों को रोजगार उपलब्ध करवा रहे हैं। उनका मानना है कि अन्य लोगों को भी कृषि व पशुपालन व्यवसाय से जुड़कर अपनी आमदनी को बढ़ाना चाहिए।

कृषि विषयवाद विशेषज्ञ नगरोटा सूरियां डॉ. राज कुमार भारद्वाज का कहना है कि कृषि विभाग द्वारा किसानों को समय-समय पर बीज,कृषि उपकरण अनुदानित दरों पर उपलब्ध करवाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त खेतों में जाकर मिट्टी की जांच, किसानों की समस्याओं का समाधान करने सहित अन्य तकनीकी जानकारियां उपलब्ध करवाई जाती हैं।

यदि किसान को खेत में काम करते हुए चोट लग जाती है तो उस स्थिति में उसे मुख्यमंत्री खेतीहर मजदूर सुरक्षा योजना के तहत 10 हजार से 3 लाख रुपए तक की सहायता भी प्रदान की जाती है। विभाग का प्रयास है कि अधिक से अधिक युवा कृषि व्यवसाय से जुड़ें तथा विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा कर अपनी आमदनी बढ़ाएं।

क्या कहते है कृषि मंत्री……..

कृषि व पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार का कहना है खेती हमारा पुश्तैनी व्यवसाय है। किसानों की समस्याओं का खेतों में हल करने एवम अधिक से अधिक लोगों को कृषि व्यवसाय से जोड़ने के लिए चलो गांव की ओर मुहिम शुरू की गई है। विभाग से जुड़े अधिकारी और वैज्ञानिक खेत खलिहान में जाकर किसानों की समस्याओं का निदान करें। उनका मानना है कि भूमि से अधिक ख्याति और समृद्धि हमें कोई नहीं दिला सकता।

प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सूक्खू की सरकार प्रदेश में कृषि तथा पशुपालन व्यवसाय को लाभकारी बनाने के लिए किसानों को संसाधन और व्यवस्थाएं उपलब्ध करवाने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार कर रही है, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इन व्यवसायों से जोड़ कर ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ बनाया जा सके।

संवाददाताः अनुराग ठाकुर

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