क्यों नहीं पहुंच रही घर वृद्धा पेंशन…? सरकार दे रही बुजुर्गों को टेंशन

उज्ज्वल हिमाचल। योल
सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा के अन्तर्गत वृद्धजनों के भरण पोषण हेतू 1500 रुपए वृद्धा पेंशन की व्यवस्था की गई है यह पेंशन 70 प्रतिशत अपंग और 80 वर्ष के वृद्धजनों के लिए उनके भरण पोषण के लिए सरकार द्वारा डाक विभाग के माध्यम से उनके घर द्वारा तक पहुंचाई जाती थी लेकिन अब यह पेंशन उनके घर तक नहीं पहुंच रही है। जिससे उन वृद्धजनों को बेहद परेशानी हो रही है। 80 साल के वृद्ध ओर 70 प्रतिशत से ज्यादा अपंग भला कैसे डाकघर तक पहुंचेगे।
ग्रामीण क्षेत्र के निराश्रित वृद्ध लोग करें तो क्या करें ओर कैसे डाकघर तक पहुंचे विभिन्न पंचायतों के कई वृद्ध इस परेशानी से झूज रहे हैं। कई पंचायतो के प्रधान भी डाकघरों में जाकर गुहार लगा चुके है लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ तंगरोटी पंचायत के प्रधान योगेश टंग के प्रधान संतोष कुमार एवं सिद्रबाड़ी के प्रधान सुरेश कुमार आदि ने बताया कि अगर बिस्तर पर लेटा 80 वर्ष का वृद्ध या अपंग जो चलने में असमर्थ है कोई देख नहीं सकता कोई सुन नहीं सकता। ऐसे में वो या तो चार पांच सौ की टैक्सी करेगा या किसी को दिहाड़ी देकर पेंशन लेने जा सकता है। ऐसे में उनके पास बचेगा क्या? कैसे यह अपना गुजारा चला पाएंगे।
मिली जानकारी के मुताबिक पेंशन जो वृद्धों के घर द्वार नही पहुंच रही आखिर क्या कारण है। जानकारी के मुताबिक सरकार व डाक विभाग के बीच एमओयू हुआ था लेकिन एमओयू की जो तारीख तय हुई थी उसकी अवधि 31 दिसम्बर 20 21 को समाप्त हो चुकी है। हांलाकि अवधि को बढ़ोन के लिए विभाग और सरकार के बीच इस एमओयू को लेकर काफी समय से पत्राचार भी चला है कि लेकिन फिलहाल अभी तक परिणाम शून्य के ही बराबर है।

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स्थानीय डाक विभाग की माने तो वृद्धा पेंशन उनके खाते में तो ऑनलाईन आ रही लेकिन बिना आदेशों के डाक विभाग घर तक नहीं पहुंचा सकता। वहीं डाकघर मंडल धर्मशाला के अधीक्षक आर के शर्मा ने बताया कि हमारे कर्मचारी (डाकिया) हर रोज गांव-गांव में जाते रहते है। उनसे सम्पर्क कर वृद्ध लोग घर द्वार में प्रीमियम खाता खुलवा सकते है उनकी पेंशन की राशि ऑनलाईन उसी खाते में डाल दी जाती है। ऐसे में लोग सम्पर्क कर अपनी पैंशन की राशि घर में ही प्राप्त कर सकते है।

संवाददाताः नरेश धीमान

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