चक्का जाम पर हरियाणा के विधायक समेत 15 को तीन साल का कारावास

गैर कानूनी रूप से भीड़ जुटाने व सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में अदालत का फैसला

सुरेंद्र सिंह सोनी। बद्दी

गैर कानूनी रूप से भीड़ जुटाने व सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में विधायक समेत 15 को तीन साल के कारावास की सजा सुनाई गई है। नालागढ़ न्यायिक दंडाधिकारी जितेंद्र कुमार की अदालत ने वीरवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में हरियाणा राज्य के कालका विस क्षेत्र के विधायक समेत 15 लोगों पर गैर कानूनी तरीके से भीड़ एकत्रित करके सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने के आरोप में तीन साल का कारावास व 85-85 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।

साल 2011 में सुच्चा सिंह की मौत के बाद बद्दी में की थी तोडफ़ोड़

सहायक जिला न्यायवादी गौरव अग्निहोत्री ने बताया कि 31 मई 2011 को बरोटीवाला यातायात पुलिस ने ट्रैफिक जांच के लिए नाका लगा रखा था। तभी नाके को देख कर हरियाणा के पपलोहा निवासी सुच्चा सिंह पुलिस से डर कर बिजली के खंभे पर चढ़ गया था। वहां पर उसने बिजली की तारे पकड़ ली जिससे वह बुरी तरह से झूलस गया था। घायल अवस्था में उसे पीजीआई भर्ती किया गया जहां पर कुछ दिनों के बाद उसकी मौत हो गई थी। मौत के बाद हरियाणा राज्य कालका क्षेत्र के वर्तमान में विधायक प्रदीप चौधरी, महेश कुमार, मलकीयत सिंह, संजीव कुमार, संदीप कुमार, भूपेंद्र धीमान, रूपलाल , हिम्मत सिंह , अवतार सिंह , जीत राम, जोगिंद्र सिंह , भागचंद , महेश कुमार , गुलजार व अमरनाथ के नेतृत्व में दर्जनो लोगों ने बद्दी के रेड लाइट चौक पर शव को रख कर चक्का जाम किया। इस दौरान जब बद्दी पुलिस मौके पर जाम हटाने आई तो उन पर पथराव किया गया, जिससे कई पुलिस कर्मी घायल हो गये थे। एक सरकारी बस व एक बद्दी थाने की गाड़ी को आग लगा कर जलाया गया था।

सजा में इस तरह की धाराएं

नालागढ़ के न्यायिक दंडाधिकारी जितेंद्र कुमार की अदालत ने इन सभी पंद्रह लोगों को धारा 143 के तहत छह माह का कारावास व पांच हजार रुपए जुर्माना, धारा 341 के तहत एक माह की कारावास व पांच सौ रुपए की सजा, धारा 148 के तहत तीन साल की सजा व दस हजार रुपए जुर्माना, 147 के तहत दो साल की सजा व दस हजार रुपए जुर्माना, 324 के तहत तीन माह की सजा व दस हजार रुपए जुर्माना, 332 के तहत तीन साल की सजा व दस हजार रुपये जुर्माना, 353 के तहत दो साल की सजा व दस हजार रुपए जुर्माना, 435 के तहत तीन साल की सजा व 10 हजार रुपए जुर्माना, पीडीपी एक्ट तीन के तहत तीन साल की सजा व दस हजार रुपए जुर्माना तथा पीडीपी एक्ट चार के तहत तीन साल की कारावास व दस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई। यह सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।