डाडासीबा: जसवां-परागपुर क्षेत्र के सुदूर गांव के विपिन कुमार (बदला हुआ नाम) दुर्भाग्य से टीबी बीमारी के शिकार हो गए। मंगलवार को कैप्टन संजय की टीम के सदस्य ने कुमार को जब बताया कि पराशर उनके निक्षय मित्र बन गए हैं और उनके लिए पोषण किट भेजी है तो विपिन की आंखों में खुशी के आंसू थे। कुमार का कहना था कि संजय पराशर समाज के हर वर्ग के लिए योगदान व सहयोग कर रहे हैं। पराशर का यह कदम सच में बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए हौसला देने वाला है।
कुछ इसी तरह की प्रतिक्रिया अन्य टीबी मरीजों ने बताया कि आज से पहले उनकी सेहत के बारे में किसी ने ख्याल नहीं किया। संजय खुद भी टीबी मरीजों से मिलने पहुंच रहे हैं, इसके लिए वे पराशर का आभार व्यक्त करते हैं। वहीं, पराशर की टीम इन मरीजों को इस बीमारी से संबंधित सावधानियों को लेकर भी अवगत करवा रही है। अभियान के तहत अब तक 46 मरीजों को दवाइयां व पोषक किट दी जा चुकी हैं और शेष मरीजों को तीन दिन के भीतर यह सामग्री पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, संजय पराशर ने कहा कि मरीजों के स्वस्थ होने तक उनका यह अभियान जारी रहेगा और जसवां-परागपुर पूर्ण रूप से टीबी मुक्त हो जाए, इसके लिए भी कार्य किया जाएगा।
भारत को टीबी मुक्त करने के लिए छेड़े गए देशव्यापी अभियान में संजय पराशर ने 74 टीबी मरीजों को गोद ले लिया है। टीबी उन्मूलन के लिए पराशर ने जमीनी स्तर पर कार्य करना शुरू कर दिया है और इसके लिए बकायदा एक विशेष टीम का गठन किया गया है और मरीजों को राहत देने के लिए टीम उनके घर पहुंच कर पोषण टीम दे रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के मद्देनजर संजय ने टीबी मरीजों के लिए पोषण किट तैयार की।
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इस अभियान के तहत 1000 रुपये कीमत वाली न्यूट्रिएंट्स किट मरीज को पराशर द्वारा दी जा रही है, जिसमें न्यूट्रीशन वैल्यू के हिसाब से महीने भर के पोषण आहार की वस्तुएं हैं। पोषण किट में अनाज, दालें, सरसों का तेल, मूंगफली दाना, दूध पाउडर आैर सोया नगेट शामिल है। इसके अलावा मरीजों को सब्जी व फल, विटामिन बी और खनिज पदार्थ जैसे पोषक तत्व उपलब्ध करवाने की भी पराशर ने तैयारी कर ली है और हर माह इन खाद्य पदार्थों को संजय द्वारा मरीजों के घर तक पहुंचाया जाएगा। दवाइयों की जरूरत पड़ने पर मरीजों को होम डिलीवरी भी दी जा रही है।
इस क्रम में संजय ने निर्णय लिया है कि वह व्यक्तिगत रूप से इन मरीजों से मिलकर उनका हौसला बढ़ाएंगे। वहीं, कैप्टन संजय ने कहा कि सरकार ने भारत को 2025 तक पूर्ण रूप से टीबी उन्मूलन की बात कही है। निश्चित तौर पर जसवां-परागपुर क्षेत्र भी इससे पहले टीबी बीमारी से मुक्त होगा, ऐसा उनका मानना है। कहा कि निक्षय मित्र बनने के बाद वह इन मरीजों की हर सुख-सुविधा का ख्याल रखेंगे। अगले दिनों में हर मरीज के घर पोषण किट पहुंचाने की व्यवस्था कर दी गई है।
ब्यूरो डाडासीबा।
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