कांगड़ा का मैदान वही रहेगा, बस योद्धा बदलने वाले हैं!

चर्चाएं ….अब कांगड़ा के तीन भाजपाई कांग्रेस के संपर्क में, विधायक पवन काजल की भाजपा में घर वापसी की अटकलों के बीच नई चर्चाओं का बाजार गर्म.. बरहाल इन चर्चाओं के बीच विधायक पवन काजल को कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है….
उज्जवल हिमाचल । कांगड़ा
विधानसभा चुनावों से पहले हिमाचल की सियासत में चर्चाओं का बाजार सुलगने लगा है। धुआं इतना है कि किसी का भी खेल बनते या बिगड़ते पता नहीं चलेगा। कांगड़ा हलके की बात करें, तो पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस के मौजूदा विधायक पवन काजल की भाजपा में घर वापसी की चर्चाएं हैं। हालांकि काजल ने इन्हें सिरे से खारिज करते हुए सिर्फ गॉसिप बताया है, लेकिन भाजपा में टिकट के तलबगारों की इन चर्चाओं ने नींद उड़ा दी है। उन्हें इसी बात की फिक्र है कि अगर काजल भाजपा में आए, तो उनका क्या होगा। ऐसे में नई गॉसिप यह है कि अब भाजपा के तीन नेता कांग्रेस के संपर्क में बताए जा रहे हैं।
 बताया जा रहा है कि काजल के भाजपा में शामिल होने की स्थिति में वहां से खुद को टिकट और जीत का दावेदार मानने वाले कुछ नेता कांग्रेस से नजदीकियां बढ़ा रहे हैं। वैसे भी काजल के बाद कांगड़ा में कांग्रेस में कोई और बड़ा चेहरा फिलवक्त नहीं आ रहा है। सच्चाई क्या है, यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा, लेकिन चंगर समेत बाणगंगा-मनूणी और मांझी खड्डों के आंचल में बसे कांगड़ा विधानसभा हलके में हर गली-चौराहे में यही चर्चाएं हैं। जानकारों का मानना है कि अगर यह चर्चाएं सही साबित होती हैं, तो कांगड़ा के सियासी मैदान में मोहरे बदल जाएंगे। गौर रहे कि पहली दफा आजाद और दूसरी बार कांग्रेस की टिकट पर एमएलए बने पवन काजल कांगड़ा के प्रमुख नेता माने जाते हैं।  साल 2012 से लेकर अब तक दस साल में काजल के सामने भाजपा कभी टिकती नजर नहीं आई है। ऐसे में चुनाव जीतने की चैंपियन बन चुकी भाजपा किसी को भी सरप्राइज कर सकती है।
मौजूदा समय में कांगड़ा में भाजपा के टिकट के दर्जन भर तलबगार हैं। इनमें प्रदेश सचिव वीरेंद्र चौधरी, संजय चौधरी,रमेश बराड़,  कुलभाष चौधरी, चौधरी देवी लाल,  लंबे समय से मैदान में  हैं, तो  सुरेंद्र काकू भी लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। इसके अलावा महिला नेत्रियों में नीतू दमीर, पवना चौधरी और रेखा चौधरी भी दम दिखाने को तैयार हैं। हालांकि ये सभी भाजपाई एकजुटता की बातें करते हैं, लेकिन गुटबाजी न होती, तो पार्टी पिछले दो चुनाव नहीं हारती।

हलके में महिला वोटर ज्यादा……

हलके में कुल 82 हजार वोटर्स हैं। इनमें महिला वोटर्स ज्यादा हैं। पलम एरिया में 26 और चंगर में 17  पंचायतें हैं। सबसे ज्यादा वोट वाले पलम का ही अब तक दबदबा रहा है। इस इलाके से चार बार विद्यासागर, दो बार काजल के अलावा संजय चौधरी व अन्य विधायक बने हैं।