नूरपुरः- नूरपुर बहुचर्चित पंजाब-हिमाचल सीमा को जोड़ने वाला चक्की पुल पूर्णता हिमाचल सरकार के अन्तर्गत आता है। जिसका रख-रखाव राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण व आईआरबी निर्माण कंपनी के देख-रेख में हो रहा है।
प्राधिकरण व आईआरबी निर्माण कंपनी के उच्चाधिकारियों के लिये आय का पुख्ता साधन बन चुका है। यह बात आज जसूर में कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुदर्शन शर्मा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही।
प्रदेश प्रवक्ता ने बहुत हैेरानी जताते हुए बताया कि दस वर्ष पूर्व इस पुल के निर्माण की क़ीमत क़रीब छत्तीस करोड़ थी लेकिन अब मौज़ूदा स्थिति में मुरम्मत कार्य हेतु तीन सौ करोड़ रुपये का प्रावधान का खर्च करना, यह सीधा सीधा अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा वाली कहावत चरितार्थ होती नजर आ रही है।
किसी भी प्रकार से पुल को ख़तरा नहीं है। पुल मे नो सौ चालीस मीटर स्पैन का अंतर राज्य पुल का निर्माण क़रीब दस वर्ष पूर्व हुआ था व निर्माण के समय तमाम आधुनिकता के विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए पिल्लरों की गहराई पच्चीस मीटर पुख्ता रूप से रखी गई है।
लेकिन कुछ पिल्लर बाढ के कारण बरसाती पानी के बहाव से पाँच मीटर तक ख़ाली हो चुके है। जिसमें बरसात के दौरान ही मात्र क्रेट वर्क से पुख्ता करना पूर्णता हास्यास्पद है।
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पिल्लरों की गहराई पच्चीस मीटर होने तक किसी भी प्रकार का आवागमन के लिए ख़तरा नहीं है। आधुनिक टेक्नोलॉजी के आधार पर पुल को किसी भी प्रकार का ख़तरा नहीं है क्यांेकि जिस विभाग ने इस पुल का निर्माण करवाया है। उस अथॉरिटी से अभी तक किसी भी प्रकार का पत्रोचार नहीं किया गया।
निर्माण का जुम्मा तत्कालीन लोक निर्माण विभाग को दिया गया था। यदि किसी भी प्रकार की इस अंतर्राज्य चक्की पुल को बरसात के पानी से ख़तरा है। ऐसी कोई बात नहीं है।
प्रदेश प्रवक्ता सुदर्शन शर्मा ने प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार से अतिशीघ्र इस तमाम मुरम्मत कार्य की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जाँच करवाने का पंद्रह दिनों में आग्रह किया है अन्यथा पुल के ऊपर आम जनमानस ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन करेगा।
यह तीसरे दिन चक्की पुल को जनमानस की आवाजाही हेतु बंद कर देना। तमाम लोगों के मानवाधिकारों का हनन बताया। प्रदेश प्रवक्ता ने कांग्रेस सरकार आते ही प्रथम हफ़्ते में इस मिलीभगत की जाँच करवाई जाएगी व दोषियों को सामने लाया जाएगा।
संवाददाताः- विनय महाजन
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