उज्जवल हिमाचल। देहरा
पंचायत समिति देहरा की त्रैमासिक बैठक में हंगामा हो गया। सभी सदस्यों ने एकजूट होकर वॉकआउट कर दिया। इसके साथ ही सभी पंचायत समिति के सदस्यों ने सामूहिक इस्तीफा देने की धमकी दी है। बैठक में कुल 34 सदस्यों में से 31 ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है। वहीं इस विरोध का सारा ठीकरा अधिकारियों पर फूटा है। साथ ही अन्य विभागों पर भी जो इनकी मीटिंग खुद आते नहीं बल्कि छोटे कर्मचारीयों को सिर्फ खानापूर्ति के लिए भेज देते हैं।
आरोप है कि उनके बताए काम नहीं हो रहे हैं। पंचायत समिति देहरा में जो प्रस्ताव डाले जाते रहे है। उन प्रस्तावों पर पिछ्ले ढाई सालों से धूल पड़ी है। पंचायत समिति (Panchayat committee) देहरा भाजपा समर्थित है। वहीं काम भी पिछ्ले ढाई सालों से न के बराबर हुए हैं। सवाल यह उठ रहा है कि जब भाजपा की सरकार थी तब यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया गया।
अब प्रदेश में तीन महिनों से कांग्रेस की सुक्खू सरकार काम कर रही है। कहीं भाजपा की सोची समझी साजिश के तहत तो नहीं यह वॉकआउट हुआ और सामूहिक इस्तीफा देने की बात सामने आई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस देहरा में कुछ बड़ा करने जा रही है। खबर यह भी है कि पंचायत समिति देहरा में तख्ता पलट की तैयारी चल रही है।
पंचायत समिति देहरा कि चेयरपर्सन अर्चना कुमारी ने कहा कि पिछले ढाई सालों से कोई भी काम नहीं हुआ है। अर्चना ने कहा कि मेरी पंचायत में बैठने के लिए सिर्फ बैंच लगाए गए है वो भी पिछले पंचायत समिति सदस्य ने लगाए हैं। अर्चना ने कहा कि मेरे वार्ड का पैसा पंचायत (Panchayat) में काफी समय से जमा है। लेकिन कोई भी कार्य नहीं हो रहे हैं।
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वहीं अर्चना कुमारी ने कहा कि बीडीओ देहरा से भी कई बार शिकायत की गई। लेकिन कोई भी काम पिछले ढाई सालों से नहीं हुआ है। अर्चना कुमारी ने कहा कि मैं पंचायत समिति देहरा की अध्यक्षा हूं। जब मेरे ही काम नहीं हो रहे हैं तो बाकी सदस्यों के काम कैसे होंगे। अर्चना कुमारी ने कहा कि सभी सदस्य बैठक में आते हैं अपनी मांग रखते हैं और चावल खाकर वापिस चले जाते हैं।
पंचायत समिति वर्ल्ड नंबर 1 थिल से पंचायत समिति सदस्य अभिषेक ने बताया कि ब्लाक देहरा की पंचायत समिति की त्रैमासिक बैठक आज हुई। लेकिन हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज के इतिहास में पहली बार हुआ होगा कि पंचायत समिति सदस्यों को अपने सदन से वॉकआउट (walkout) करना पड़ा है। अभिषेक ने कहा कि अगर चुने हुए प्रतिनिधियों के काम नहीं होंगे चाहे वह पंचायत समिति सदस्य हों या जिला परिषद के सदस्य। इन सभी को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए। अभिषेक ने कहा कि अगर अधिकारियों का एसा ही रवैया रहा तो हम सामूहिक इस्तीफा देंगे।
उन्होंने कहा कि हम विकास की बातें करते हैं अगर पंचायतों का पैसा समय से ही खर्च नहीं हो पाएगा तो मुझे लगता है कि कहीं ना कहीं हमारे गांव के उस आखरी पुरे में बैठे व्यक्ति के साथ साथ ही बहुत बुरा हो रहा है। विकास कार्यों का न होने के लिए मुख्य रूप से तो हमारे पंचायतों के सचिव जिम्मेदार है। क्योंकि वह समय से खर्च नहीं कर पाते हैं क्योंकि जिस चीजों की जरूरत आज है। जैसे गर्मी में वाटर कूलर जरूरत हो तो वह 1 साल बाद लगता है।
इसके अलावा हमारी बैठकों में किसी भी विभाग का अधिकारी नहीं आता है। केवल कर्मचारियों और छोटे अधिकारियों को बैठक में भेज दिया जाता है। वहीं अभिषेक ने कहा कि हमारे इस वॉकआउट के लिए कोई भी राजनीतिक मंशा नहीं है। पंचायत समिति सदस्य अभिषेक ने कहा कि धरना न भाजपा के खिलाफ है न ही कांग्रेस के खिलाफ। यह धरना हम अधिकारियों के खिलाफ कर रहे हैं जो काम में सहयोग नहीं करते हैं।
अधवानी वार्ड की पंचायत समिति सदस्य आरती राणा ने कहा कि हमारी समस्या पिछले ढाई सालों से हैं। हम पिछले ढाई सालों से आवाज उठा रहे हैं लेकिन कोई भी हमारी नहीं सुन रहा है। इसके लिए हमने डेढ़ साल पहले भी इस्तीफा देने की धमकी दी थी। लेकिन बीडीओ देहरा चतर सिंह ने कहा कि मैं अभी नया आया हुं इसलिए मुझे काम करने का मौका दें। आरती राणा ने कहा कि अब हमें मजबूर होकर धरना देना पड़ रहा है। अगर हमारे काम नहीं हुए तो हमें मजबूर होकर इस्तीफा देना पड़ेगा।
बीडीओ देहरा चतर सिंह ने सभी आरोपों को निराधार बताया है उनका कहना है कि उनकी तरफ से सारे काम पंचायतों में चले हैं। लेकिन दूसरी तरफ पंचायत समिति की बैठक में अन्य विभागों के अधिकारियों की अनुपस्थिति जरूर है। वहीं उन्होंने बताया कि जो प्रस्ताव यहां आते है उन्हें अन्य विभागों (department) को भेज दिया जाता है। आगे की कार्यवाही उन विभागों ने करनी होती है।