आखिर मुआवजे के नाम पर इतना भद्दा मजाक क्यों…..? जानें वजह

उज्ज्वल हिमाचल। कुल्लू

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला प्रशासन ने जिला के 1,800 आपदा प्रभावितों की मुआवजा राशि को रोक दिया है। जिला प्रशासन ने प्रदेश सरकार को मुआवजा राशि को लेकर पत्र लिखकर राय मांगी है। प्रशासन ने सरकार को लिखा है कि जुलाई माह में आई आपदा के दौरान जिला में जिन 1,800 मकानों, गोशाला, होटल, ढाबा व अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को आंशिक नुकसान हुआ है, क्या उन्हें भी एक लाख रुपये का मुआवजा देना उचित है।

आपदा में हुए नुकसान की राजस्व विभाग द्वारा तैयार रिपोर्ट में सामने आया है कि इन 1800 प्रति मकान, गोशाला आदि का नुकसान मात्र 10,000 रुपये तक हुआ है। कई ऐसे में घर, गोशाला व प्रतिष्ठान हैं जिनका नुकसान इसे भी कम है। हालांकि प्रशासन ने इन लोगों को पहले ही फौरी राहत के तौर पर 10,000 से 40,000 रुपये तक की राशि प्रदान कर दी है। उल्लेखनीय है कि 8 से 11 जुलाई तक आई आपदा में जिला में 565 पक्के व कच्चे मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जिनको प्रशासन ने सरकार के नई नीति के तहत प्रति मकान सात लाख रुपये की मुआवजा राशि जारी कर दी है।

यह भी पढ़ेंः आपदा प्रभावित परिवारों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किए 11.31 करोड़ रुपये

इसके अलावा आपदा की चपेट 1,800 ऐसे प्रभावित परिवार हैं, जिनकी संपत्ति को आंशिक नुकसान पहुंचा है।जिला राजस्व अधिकारी गणेश ठाकुर ने कहा है कि कुल्लू में लगभग 1,800 ऐसे में मकान, गोशाला व अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं, जिनका नुकसान 10,000 या इसे कम आंका गया है। इन लोगों को कितना मुआवजा दिया जाना है। इसको लेकर सरकार को पत्र लिखकर राय मांगी है। सरकार की अनुमति मिलते ही सभी प्रभावितों को मुआवजा प्रदान किया जाएगा।

ब्यूरो रिपोर्ट कुल्लू

हिमाचल प्रदेश की ताजातरीन खबरें देखने के लिए उज्जवल हिमाचल के फेसबुक पेज को फॉलो करें