अवैध डंपिंग का मुआवजा देने से इंकार करने के बाद वन विभाग ने पुलिस में दर्ज करवाई शिकायत

अवैध डंपिंग का मुआवजा देने से इंकार करने के बाद वन विभाग ने पुलिस में दर्ज करवाई शिकायत

उज्जवल हिमाचल। नूरपुर
फोरलेन निर्माण कम्पनी (Forlane Company) द्वारा कोटला क्षेत्र के वन्य क्षेत्र में मलबे की अवैध डंपिंग का राज्य वन विभाग को मुआवजा देने से इंकार करने के बाद वन विभाग ने इसकी शिकायत ज्वाली थाने के अंतर्गत कोटला पुलिस चौकी से की है।

जानकारी के अनुसार नूरपुर वन विभाग में कोटला वन परिक्षेत्र के अधिकारियों ने सीयूनी ग्राम पंचायत में विभिन्न खसरा नंबरों के तहत भूमि के सीमांकन के दौरान पाया कि फोरलेन निर्माण कंपनी द्वारा पठानकोट-मंडी फोरलेन प्रोजेक्ट में खसरा नम्बर 1101 से मलबा निकाला और कथित तौर पर इसे भाली के वन क्षेत्र में फेंक दिया गया।

डीएफओ नूरपुर कुलदीप जम्वाल ने बताया कि रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर कोटला ने अपनी क्षति रिपोर्ट तैयार की है मुआवजे का आकलन करने पर पाया कि निर्माण कम्पनी द्वारा वन परिधि क्षेत्र में 4,400 क्यूबिक मीटर कचरा डंप किया है, जिस पर आकलन करने पर 11 लाख रुपये की राशि “निर्माण कंपनी को जमा करने के लिए कहा गया था लेकिन कंपनी ने इस राशि का देने से इनकार कर दिया गया है और अब आरएफओ कोटला द्वारा कंपनी के खिलाफ एफआईआर करवाई है।

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”उन्होंने कहा कि वन विभाग ने शुरू में नुकसान की रिपोर्ट भेजी थी। निर्माण कंपनी को कुछ दिनों के लिए 12,000 रुपए का मुआवजा वन क्षेत्र में मलबा फेंकने पर लगाया था, जिसका कंपनी ने इसका भुगतान किया था। लेकिन चेतावनी के बाबजूद निर्माण कम्पनी द्वारा खुदाई की बेरोकटोक डंपिंग करने पर वन विभाग ने निर्माण कम्पनी पर कई गुना जुर्माना लगाकर इसे जमा करने के आदेश दिए है।

इस संबंध में एएसपी नूरपुर मदनकांत ने बताया कि पुलिस ने धारा 427 के तहत रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस चौकी कोटला द्वारा थाने में फोरलेन निर्माण कंपनी और स्थानीय वन अधिकारियों (शिकायतकर्ता) को बुलाने के निर्देश जारी किए है ताकि आगे की कारवाई पूरी की जा सके।

संवाददाताः विनय महाजन

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