US के ‘एयरफोर्स वन’ को टक्‍कर दे रही, PM मोदी की शाही सवारी

उज्जवल हिमाचल। नई दिल्‍ली

अमेरिका के बेहद अहम दौरे पर गए मोदी ने इस यात्रा के जरिए दशकों से चली आ रही परंपरा को भी तोड़ दिया है। दरअसल, पिछले कई वर्षों से अमेरिका जाने वाले भारतीय प्रधानमंत्री अब तक जर्मनी के फ्रैंकफर्ट शहर में रुकते थे। इसके बाद वहां से फिर अमेरिका के लिए रवाना होते थे। इस बार ऐसा नहीं हुआ और पीएम मोदी बिना रुके ही सीधे वाश‍िंगटन पहुंच गए। एक बार फ‍िर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शाही सवारी ‘एयर इंड‍िया वन’ सुर्खियों में है। आजादी के बाद यह पहला मौका है, जब देश के किसी प्रधानमंत्री ने सीधे अमेरिका के लिए उड़ान भरी है।

यात्रा के दौर उनके विमान ने किसी अन्‍य देश में लैंडिंग नहीं की। इसके पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बांग्‍लादेश यात्रा के साथ एयर इंडिया वन का विमान बी-777 भी सुर्खियों में था। कोरोना काल की शुरुआत के बाद प्रधानमंत्री की यह पहली विदेश यात्रा थी। दूसरी बार पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा इसलिए भी खास है। क्‍योंकि उनकी यह यात्रा ‘एयर इंडिया वन’ के बी-777 से हुई है। आखिर क्‍या है बी-777 विमान की खासियत। क्‍यों है यह विमान सुर्खियों में। करीब 15 घंटे लंबी इस यात्रा को बिना रुके पूरा करने का श्रेय पीएम मोदी के अत्‍याधुनिक एयर इंडिया वन प्‍लेन को जाता है, जिसे हाल ही में शामिल किया गया है। पीएम मोदी क्‍वाड शिखर सम्‍मेलन और संयुक्‍त राष्‍ट्र आम सभा को संबोधित करने के लिए वाश‍िंगटन पहुंचे हैं। पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा पर दुनिया के सारे मुल्‍कों की नजर लगी है। दुनिया यह देखने में लगी है कि मोदी अमेरिका से क्‍या लेकर लौटते हैं।

उधर, मोदी की शाही सवारी भी सुर्खियों में है। दरअसल, मोदी की यह शाही सवारी अपनी ठाठ-बाट और अत्‍याधुनिक सुविधाओं के कारण दुनिया का ध्‍यान अपनी ओर खींच रही है। इस विमान की तुलना अमेरिकी राष्‍ट्रपति के व‍िमान एयरफोर्स वन से की जा रही है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति के विमान की तरह एयर इंडिया का यह विमान अत्‍याधुनिक तकनीक से लैस है। यह बेहद सुरक्षित और आरामदायक है। यह विमान राष्‍ट्रपति, उप राष्‍ट्रपति और प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए अक्‍टूबर को अमेरिका से भारत आया था। इस विमान की अन्‍य खासियत आपको हैरान कर देगी।

इसकी खास बात यह है कि बी-777 का निर्माण अमेरिका की विमान निर्माण कंपनी बोइंग द्वारा किया गया है। भारत की विशेष मांग पर बोइंग द्वारा इसका निर्माण कराया गया है। इस विमान को जुलाई, 2020 में ही एयर इंडिया को सौंपा जाना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे सुपुर्द करने में देरी हुई। ये दोनों विमान वर्ष 2018 में एयर इंडिया के वाणिज्यिक बेड़े का भाग थे। इसी विमान को वीवीआईपी यात्रा के लिए विशेष रूप से पुर्निमित करने के लिए अमेरिका के डलास को भेज दिया गया।