पीएम मोदी की अध्यक्षता में अफगानिस्तान संकट पर सर्वदलीय बैठक

उज्जवल हिमाचल। नई दिल्ली

केंद्र सरकार ने युद्ध से तबाह अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद वहां की स्थिति पर चर्चा के लिए आज सुबह 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। यह अहम बैठक पीएम मोदी की अध्यक्षता में होगी। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर सभी राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स को अफगानिस्तान के हालात की जानकारी देंगे। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां हालात बेहद खराब हो गए हैं। अफगानिस्तान के हालात पर केंद्र सरकार ने अपनी रणनीति साफ करने के लिए आज एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

इस बैठक में सरकार अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए सरकार की ओर से किए गए प्रयासों की जानकारी विपक्षी दलों को दी जाएगी। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर सभी दलों के नेता सदन को अफगानिस्तान के ताजा हालात और उसके मद्देनजर भारत के रुख के बारे में जानकारी देंगे। इसके अलावा अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद भारत सरकार क्या कूटनीतिक कदम उठा रही है। इस पर भी चर्चा होने की संभावना है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट करते हुए कहा था कि बैठक में अफगानिस्तान में घटनाक्रम के मद्देनजर पीएम नरेंद्र मोदी ने आदेश दिया है कि संसद में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को पूरी जानकारी दी जाए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में आगे की जानकारी संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी देंगे। आपको बता दें कि भारत आज अफगानिस्तान से करीब 180 नागरिकों को मिलिट्री एयरक्राफ्ट से रेस्क्यू करेगा। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब विपक्षी दलों ने सरकार से अफगानिस्तान संकट पर एक बयान जारी करने के लिए कहा।

बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी इस बैठक में भाग लेने की पुष्टि की है। लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में एलओपी मल्लिकार्जुन खड़गे बैठक में मौजूद रहेंगे। अफगानिस्तान में आए तूफान ने भारत सहित कई देशों के लिए संकट पैदा कर दिया है। साथ ही दक्षिण एशिया समेत कई मुल्कों के रणनीतिक समीकरणों को भी बदल दिया है।

इन बदलावों को लेकर भारत जैसे देश में भी कई प्रश्न उठ रहे हैं और आज होने वाली सर्वदलीय बैठक में सरकार की तरफ से इन सवालों के जवाब देने की कोशिश होगी। यह ऐसे समय में हुआ है, जब भारत सरकार युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को निकाल रही है। तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में राष्ट्रपति भवन में प्रवेश किया और अफगानिस्तान में महीनों की हिंसा के बाद सरकार पर अपनी जीत की घोषणा की।