अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत में दूरसंचार क्रांति लाने का किया काम

जरयाम ने स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को दी श्रद्धांजलि

जयराम बोले अटल ने किया हिमाचल के लोगों के पीठ का बोझ कम

उज्ज्वल हिमाचल। शिमला

भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के सुअवसर को भाजपा ने ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाया। इस अवसर पर दिन दयाल उपाध्याय अस्पताल शिमला में फल वितरण कार्यक्रम और रिज पर पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भाग लिया। कार्यक्रम में प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा, संजय सूद, सुरेश भारद्वाज, संजीव कटवाल सुनील धर विशेष रूप से उपस्थित रहें।

जयराम ठाकुर ने कहा की भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन की प्रतिमूर्ति थे। उनकी सरकार ने अंत्योदय की विचारधारा को मानते हुए सुशासन के नए प्रतिमान स्थापित किए। मोदी सरकार अटल के दिखाये हुए रास्तों पर चलकर सेवा, सुशासन एवं गरीब कल्याण सुनिश्चित करने का कार्य कर रही है। 1999 में सरकार बनाने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने राष्ट्रीय दूरसंचार नीति में सकारात्मक बदलाव लाकर भारत में दूरसंचार क्रांति लाने का काम किया। मोदी सरकार ने गांव-गांव तक आप्टिकल फाइबर पहुंचाने का कार्य किया है। मोदी सरकार ने 2 लाख से भी अधिक ग्राम पंचायतों को ब्राडबैंड इंटरनेट से जोड़ने का काम किया है।

अटल की दूरसंचार क्रांति को आगे बढ़ाते वित्तीय समावेशन के उद्देश्य के तहत माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जे ए एम (जन धन-आधार-मोबाइल) त्रिमूर्ति का क्रियान्वयन किया गया है। जे ए एम ट्रिनिटी ने 50 करोड़ से अधिक लाभार्थियों के साथ देश भर में वित्तीय सेवाओं की पहुंच में ऐतिहासिक वृद्धि की है। इसके माध्यम से आज करोड़ों लाभार्थियों तक निर्बाध गति से सरकारी योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ पहुंच रहा है।

ठाकुर ने कहा की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने आज़ादी के बाद पहली बार 1999 में अनुसूचित जाति के कल्याण हेतु अलग से जनजातीय मामलों के मंत्रालय की स्थापना की और 2003 में अनुसूचित जनजाति के लिए एक राष्ट्रीय आयोग का गठन किया, जिसका उद्देश्य वंचितों के एकीकृत सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए अधिक केंद्रित, समन्वित और योजनाबद्ध दृष्टिकोण प्रदान करना था।

मोदी सरकार ने ‘सबके लिए विकास’ दृष्टिकोण की इसी विरासत को आगे बढ़ाते हुए, अनुसूचित जनजातियों को आर्थिक और सांस्कृतिक सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न प्रयास किए हैं। नॉर्थ ईस्ट को भारत का विकास इंजन बनाना, नेशनल बैम्बू मिशन, एकलव्य विद्यालयों की संख्या में वृद्धि और सुधार, आदिवासी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाना और वोकल फॉर लोकल जैसे कदमों ने अनुसूचित जनजाति के हमारे नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार किया है। सुशासन के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण राष्ट्र की संप्रभुता एवं सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए तमाम अंतर्राष्ट्रीय दवाबों को दरकिनार करते हुए अटल जी की सरकार ने 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था।

राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति इसी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए मोदी सरकार ने आतंकवाद पर कई सारे सर्जिकल स्ट्राइक’ करके भारत का दृढ़ संकल्प दिखाया है, जिसके परिणामस्वरूप हाल के वर्षों में में बड़े आतंकवादी हमलों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गयी है। टल बिहारी वाजपेयी अपने समय से बहुत आगे की सोच रखते थे। जब उनकी सरकार ने कूटनीतिक चतुराई से 2001 में सुदूर पूर्व रूस में सखालिन। तेल और गैस क्षेत्रों में 1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च करके 20 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली थी।

यह भी पढ़ेंः दो गुटों में मारपीट, हवा में किए बैक-टू-बैक फायर

यह उस समय तक का विदेश में भारत का सबसे बड़ा निवेश था। विदेशी निवेश के माध्यम से ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के अटल के मॉडल को मोदी सरकार ने उत्साहपूर्वक अपनाया है, आज ऊर्जा क्षेत्र में भारत का निवेश 20 से भी अधिक देशों में फैला हुआ है, और केंद्र सरकार लगातार बदलते भू-राजनीतिक वैश्विक परिदृश्य में देश के नागरिकों के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है। जयराम ठाकुर ने अटल टनल को याद करते हुए कहा की इस टनल की कल्पना अटल जी ने की थी, साथ ही उन्होंने प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना का जिक्र भी किया। सुदीप महाजन, रमा ठाकुर, कुसुम सदरेट, सुनील धर, अंजना शर्मा, राजीव पण्डित, किमी सूद, शैली, बिट्टू पाना, संजीव, रजनी, तरुण राणा, सुरेश शर्मा, शाम शर्मा, कमल सूद, संजीव कटवाल, संजय कालिया, गणेश दत्त उपस्थित रहे।

ब्यूरो रिपोर्ट शिमला

हिमाचल प्रदेश की ताजातरीन खबरें देखने के लिए उज्जवल हिमाचल के फेसबुक पेज को फॉलो करें