छोटी काशी के बाबा भूतनाथ का माखन से रोज हो रहा नया श्रिंगार

बाबा भूतनाथ का तेलंगाना महेश्वर के राजराजेश्वर शिवालय के स्वरूप में किया श्रिंगार

Baba Bhootnath of Chhoti Kashi is being adorned daily with butter

उज्जवल हिमाचल। मंडी

अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के दौरान बाबा भूतनाथ मंदिर में देश के अलग-अलग स्वरूपों में बाबा भूतनाथ का माखन से श्रंगार किया जाता है। इसी कड़ी में आज बाबा भूतनाथ का श्रंगार श्री राजराजेश्वर मंदिर के रुप में किया गया है। बता दें कि वर्तमान में श्री राजराजेश्वर मंदिर एक शिवालय के रूप में है, जहां 11 अखंड दीपक कई शताब्दियों से जल रहे हैं और किसी आधी, तूफान, बारिश, बाद, युद्ध इत्यादि से कभी बुझे नहीं माना जाता है की यह सोमवंशिय सहस्त्रार्जुन कार्तवीर्य अर्जुन का समाधि मंदिर है।

सहस्त्रार्जुन कार्तवीर्य अर्जुन का जन्मदिन महेश्वर में बड़े उत्साह से मनाया जाता है, तीन दिन चलने वाला यह उत्सव अगहन माह की शुक्ल सप्तमी से प्रारंभ होता है व समाप्ति पर बड़ा भोजन भण्डारा किया जाता है। अखंड दीपक के लिए शुद्ध घी का दान, सुखकारक पुन्य वर्धक माना जाता है अतः यहां आने वाले श्रद्धालु शुद्ध घी का दान करते है इसीलिए यहाँ हमेशा ही शुद्ध घी का भंडार बना रहता है। महेश्वर का पौराणिक महत्व और इतिहास महेश्वर के अत्यंत गौरवशाली पौराणिक इतिहास के कारण ही देवी अहिल्या ने महेश्वर को राजधानी बनाया था इसके पूर्व महत्वपूर्ण इतिहास में यह शहर पंडित मंडन मिश्र वह उनकी धर्मपत्नी विदुषी भारती देवी की विद्वता से प्रकाशित हुआ करता था व जाना जाता था।

यह भी पढ़ेंः सोलन में आपदा से निपटने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन

फिर इसी स्थान पर जगतगुरु आदि शंकराचार्य से उनके शास्त्रार्थ का गवाह बना व सनातन धर्म को उत्तम दिशा दी। कुछ मतों में बालक शंकर के शंकराचार्य बनने का स्थान भी यही है, जब उन्होंने शास्त्रार्थ में पंडित मंडन मिश्र व उनकी धर्मपत्नी विदुषी भारती देवी को पराजित किया था । वेद, पुराण उपनिषद, वायु पुराण, नर्मदा पुराण, स्कंद पुराण आदि में वर्णित महिष्मति नगरी ही महेश्वर है।

संवाददाताः उमेश भारद्वाज

हिमाचल प्रदेश की ताजातरीन खबरें देखने के लिए उज्जवल हिमाचल के फेसबुक पेज को फॉलो करें।