ज्वालामुखीः ज्वालामुखी के प्रसिद्ध मुरली मनोहर मन्दिर में कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी पर पंच भीष्म का शुभ आरम्भ किया गया है। मान्यता के अनुसार मन्दिर में दिन रात 101 दीपक पूरे पांच दिनों तक दिन रात जलाए जाएंगे। स्थानीय निवासी श्रद्धालु और मन्दिर पुजारी इन दीपकों में दिन रात तेल का दान करते हैं। वर्षों से इस मंदिर में दीप दान किया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में पंच भीष्म के दिनों में दर्शन करने से पितृ दोष भी समाप्त होता है और लक्ष्मी का वास होता है। मुरली मनोहर मन्दिर पुजारी हरवंस शर्मा ने बताया कि पंच भीष्म मनाने के दो कारण हैं, एक तो माता तुलसी का विवाह मुरली मनोहर से इसी दिन हुआ था और महाभारत काल में जब भीष्म पितामह व बाणों की शैया पर लेटे थे।
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तब उन्होंने पांडवों को पांच दिन तक ज्ञान दिया था। इसी उपलक्ष्य में पंच भीष्म मनाए जाते हैं। पुजारी अविनेंद्र शर्मा ने बताया कि इस पंच भीष्म के पांच दिनों में दान पुण्य का बहुत महत्व होता हैं और इन दिनों में विष्णु भगवान के मंदिर व अपने घर में तेल के दीपक जलाने का बहुत महत्व होता हैं।
हिना पंचभीष्म के दिनों में विष्णु भगवान का तुलसी माता से विवाह होता है। इन 5 दिनों में अखंड तेल का दीपक विष्णु भगवान के मंदिर में जलाते हैं।