बड़ी लापरवाही : जिसका टेस्ट ही नहीं हुआ उसकी पॉजिटिव आ गई रिपोर्ट

घुमारवीं की महिला की रिपोर्ट के नाम से शिमला की महिला को आया आइसोलेट होने का फोन

उज्जवल हिमाचल। शिमला

कोरोना संकट के इस दौर में स्वास्थ्य विभाग पर दबाव बहुत बढ़ है जिसके चलते कोरोना जांच रिपोर्ट में कई जगह देरी तो कई जगह गलत व्यक्ति को रिपोर्ट मिलने के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में शिकायत सीएम हेल्पलाइन में की गई है। बिलासपुर जिले की घुमारवीं निवासी रेखा ने कोरोना जांच करवाई तो उसकी रिपोर्ट शिमला निवासी श्वेता को पहुंच गई। हैरत यह कि श्वेता को घुमारवीं एसडीएम आफिस से फोन आता है कि आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव है और आइसोलेट हो जाएं। आपके लिए दवा की किट दी जा रही है। इस पर श्वेता ने उन्हें बताया कि उनका टेस्ट ही नहीं हुआ है और वह पाजिटिव कैसे आ गई। इसका परिणाम यह हुआ कि जब श्वेता कोरोना टीकाकरण के लिए आरोग्य सेतु एप पर पंजीकरण करवाने लगी तो उन्हें इन्कार कर दिया गया। उन्हें सूचित किया गया वह पाजिटिव हैं। इससे उनकी परेशानी बढ़ गई। ऐसे में उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय, सीएमओ शिमला, जिला उपायुक्त और सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत कर दी। ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें टेस्ट न करवाने के बाद भी पाजिटिव रिपोर्ट आ रही है।

सीएम हेल्पलाइन 1100 पर शिकायत करने पर वहां से श्वेता को जवाब दिया गया कि यदि उनके नंबर से कोरोना टीकाकरण के लिए पंजीकरण नहीं हो रहा है तो वह दूसरे नंबर से करवा लें। बड़ा सवाल यह है कि आखिर घुमारवीं में टेस्ट होने की रिपोर्ट शिमला कैसे आ गई। किस स्तर पर यह गलती हुई है, जिससे लोगों की दिक्कतें बढ़ रही हैं। ऐसे में टेस्ट और रिकार्ड दर्ज करने वालों को फोन नंबर लिखते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता है। मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हिमाचल प्रदेश डा. निपुण जिंदल का कहना है रिपोर्ट किसी दूसरे व्यक्ति को आने का कारण फोन नंबर का गलत होना है। इस तरह के कुछ मामले आए हैं। लोगों को अपना फोन नंबर लिखवाते समय सावधानी बरतनी चाहिए। कर्मचारियों को भी जानकारी दर्ज करते समय पूरी सावधानी बरतने और सही जानकारी दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।