मजदूर और किसान दोनों ही सरकार की उपेक्षा का शिकार: मेहता

सुरेंद्र जम्वाल।बिलासपुर

संपूर्ण देश करोना महामारी के चलते भारी संकट के दौर से गुजर रहा है, परंतु राष्ट्र निर्माता मजदूरों और किसानों को इस संकट की घड़ी में सरकार की उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है। यह बात प्रेस की जारी की गई विज्ञप्ति में प्रदेश युवा कांग्रेस सचिव रजनीश मेहता ने कही है। उन्होंने कहा 14 से 16 करोड मजदूर और देश की जनसंख्या का 50 प्रतिशत किसान वर्ग सबसे ज्यादा आहत हुआ है। लॉकडाउन के चलते गरीब मजदूरों को यहां पुलिस की लाठियों की मार झेलनी पड़ी और अपने राज्य गंतव्य स्थान तक पहुंचने के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने पर मजबूर होना पड़ा है।

मनरेगा के लिए 41000 करोड रुपए की अतिरिक्त राशि मुहैया करवाने का स्वागत करते हुए रजनीश मेहता ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री कांग्रेस की योजना मनरेगा को कोंग्रेस सरकार की असफलता का स्मारक कहते थे, परंतु आज यही असफलता का स्मारक मनरेगा हमारे किसानों, ग्रामीणों व गरीबों के लिए इस कठिनाई में संजीवनी बन चुका है।

रजनीश मेहता ने कहा की मनरेगा में प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष 120 दिन के रोजगार को 200 दिन प्रतिवर्ष किया जाना चाहिए और मनरेगा की जयंती 205 से 300 रुपए करने और न्यूनतम आय योजना लागू करने के तहत गरीब परिवारों के प्रति 6000 प्रति महीना राशि प्रदान करने की मांग की तथा साथ में लॉकडाउन के चलते छोटे बिजनेस को लोन की जगह आर्थिक सहायता प्रदान करने की भी मांग की है।