एंबुलेंस सेवा बंद करने का मामला सुलझा

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। शिमला

कर्मचारियों को निकालने व 15 जुलाई से 108 व 102 एंबुलेंस सेवा बंद करने का मामला सुलझ गया है। जीवीके कंपनी सेवा के संचालन के लिए राजी हो गई है। मंगलवार देर शाम तक मुख्यमंत्री से लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य मामला सुलझाने का प्रयास करते रहे। सरकार के आश्वासन के बाद कंपनी एंबुलेंस सेवा संचालन के लिए तैयार हो गई है। जीवीके कंपनी ने बजट के अभाव में हिमाचल से काम बंद करने का फैसला किया था। हालांकि प्रदेश सरकार ने इस पर सख्त टिप्पणी की थी और कहा था कि अगर कंपनी ऐसा करती है तो सख्त कार्रवाई अम्ल में लाई जाएगी।

 

कंपनी ऐसा नहीं कर सकती है। उनके नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। कंपनी को अभी प्रदेश में ही सेवाएं देनी होंगी। जीवीके कंपनी की ओर से प्रदेश में 325 एंबुलेंस चलाई जा रही हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार जीवीके कंपनी को प्रतिमाह तीन करोड़ रुपये देती है, जिससे कंपनी के कर्मचारियों का वेतन, मरम्मत व पेट्रोल का खर्च चलाया जाता है।

यूनियन के अध्यक्ष पूर्ण चंद ने कहा कि हाईकोर्ट की तरफ से आदेश जारी किए हैं कि कंपनी को प्रत्येक कर्मी को कम से कम 15 हजार रुपये देने होंगे। इसके अलावा अन्य खर्चे अलग होंगे। पूर्ण ने बताया कि वेतन संबंधी यह मामला अब शिमला के जेएमआइसी कोर्ट में विचाराधीन है और जल्द ही इस पर फैसला आ सकता है। अभी जून का वेतन कर्मियों को नहीं दिया है।

 

प्रदेश में एंबुलेंस सेवा बंद नहीं होगी। सरकार के आश्वासन के बाद फिलहाल 15 दिन का ओर समय दिया गया है। मुख्यमंत्री और अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य के आश्वासन के बाद कंपनी ने यह फैसला लिया है।