बिजली परियोनाओं में लगे मजदूरों का शोषण कर रही केंद्र व प्रदेश सरकारः सीटू

उज्ज्वल हिमाचल। शिमला

सीटू राज्य कमेटी ने हिमाचल प्रदेश में संचालित सरकारी व निजी पनबिजली परियोजनाओं के मजदूरों की एक बैठक आयोजित की। बैठक में निर्णय लिया गया कि पनबिजली परियोजनाओं में कार्यरत प्रदेशभर के मजदूर 17 दिसंबर 2023 को शिमला के कालीबाड़ी हॉल में जुटेंगे व अपनी मांगों को लेकर एक राज्य स्तरीय संगठन का निर्माण करेंगे। बैठक में विजेंद्र मेहरा, प्रेम गौतम, अजय दुलटा, नरेंद्र, लोकेंद्र, सुरेंद्र, तिलक, संजीव, पवन, राजिंद्र, विनोद, विक्की, तेज, जोगिंद्र, रोशन लाल, महेश्वर, श्याम शरण सोनी, तुलसी व इशरी शामिल रहे।

सरकार ने मजदूरों के लिए अभी तक नहीं की अलग वेतन की घोषणा

बैठक को संबोधित करते हुए सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार सरकारी व निजी बिजली परियोजनाओं में उत्पादन व निर्माण में लगे मजदूरों का भारी शोषण कर रही है। इस क्षेत्र में बिजली उत्पादन में लगे हज़ारों मजदूरों के लिए सरकार ने अभी तक भी किसी अलग वेतन शेडयूल की घोषणा नहीं की है। जिस कारण रणनीतिक क्षेत्र में कार्यरत इन मजदूरों को कार्य के अनुसार बेहद कम वेतन मिल रहा है। इन मजदूरों को नियमित रोज़गार देने के बजाए फिक्स टर्म प्रणाली के रूप में कार्य करवाया जा रहा है।

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ये हैं मजदूरों की मांगे

इनके नियमितीकरण के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई जा रही है। इन्हें कई स्थानों पर ईपीएफ, ईएसआई व बोनस से वंचित किया जा रहा है। इन्हें टनल अलाउंस नहीं दिया जा रहा है। इन परियोजनाओं में श्रम कानूनों की पालना नहीं हो रही है। मजदूरों के इस तरह के शोषण के खिलाफ एक राज्य स्तरीय यूनियन का गठन करना अनिवार्य हो गया था। इसलिए ही शिमला के कालीबाड़ी हॉल में राज्य अधिवेशन करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने पनबिजली परियोजनाओं के मजदूरों की मांगों का तुरन्त समाधान करने की सरकार से मांग की है। उन्होंने सरकार को चेताया है कि अगर मांगों का समाधान न हुआ तो आंदोलन तेज होगा।

ब्यूरो रिपोर्ट शिमला

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