नए वर्ष में कब और कहां लगेगा चंद्र ग्रहण, जानें यहां

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

चंद्र ग्रहण उस घटना को कहा जाता है जब पृथ्वी, चन्द्रमा और सूर्य के बीच आ जाती है। इससे पृथ्वी की पूर्ण या आंशिक छाया चंद्रमा पर पड़ती है। ऐसा कहा जाता है कि ग्रहण को खुली आंखों से/बिना चश्मे के नहीं देखना चाहिए, इससे आंखों को नुकसान पहुंचता है, लेकिन चंद्र ग्रहण के लिए यह कहा जाता है कि इसे नंगी आंखों से देखने पर नुकसान पहुंच सकता है, लेकिन चंद्र ग्रहण को इस तरह देखा जा सकता है। इसके लिए किसी तरह के चश्मे की जरुरत नहीं पड़ती है।

आइए जानते हैं वर्ष 2021 में पड़ने वाले चंद्र ग्रहण के बारे में-
26 मई 2021 को 2021 का पहला चंद्र ग्रहण लगेगा। यह दोपहर करीब 02 बजकर 17 मिनट पर लगेगा और शाम 07 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। यह पूर्ण ग्रहण होगा। यह पूर्ण रूप से पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका में देखा जा सकेगा। भारत में इसकी केवल उपच्छाया मात्र ही होगी। 19 नवंबर 2021 को दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण दोपहर करीब साढ़े 11 बजे लगेगा। यह शाम 05 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। साल 2021 का दूसरा चंद्र ग्रहण आंशिक होगा। यह भारत, अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में देखा जा सकेगा।

कितने प्रकार के होते हैं चंद्र ग्रहण
उपच्‍छाया चंद्रग्रहण
इससे चंद्रमा के आकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इस दौरान पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर आ जाती है, जिससे चंद्रमा की चांदनी कुछ धुंधलापन आ जाता है। यह रंग में थोड़ा मटमैला हो जाता है। यह तब होता है जब सूर्य, धरती और चांद एक सीध में नहीं आ पाते। सूर्य का कुछ हिस्सा धरती चंद्रमा तक पहुंचने से रोक लेती है। इससे धरती चंद्रमा की बाहरी सतह के पूरे हिस्‍से को ढक देती है। इसे ही उपच्‍छाया कहा जाता है।

पूर्ण चंद्रग्रहण
इसमें सूतक काल मान्य होता है। यह तब होता है जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच आ जाती है और चांद को पूरी तरह से कवर कर लेती है। इसे ही पूर्ण चंद्र ग्रहण कहा जाता है।

आंशिक चंद्रग्रहण
यह तब होता है, जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में पूरी तरह से नहीं आती है। इस दौरान पृथ्‍वी की छाया चंद्रमा के कुछ हिस्‍से पर पड़ती है। इस तरह की स्थिति को आंशिक चंद्रग्रहण कहा जाता है।
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