संजीवनी परियोजना के तहत औषधीय पौधों के रोपण के लिए बनाए जा रहे कलस्टरः डीसी

ग्राम पंचायत बेहड़ जसवां में 85 हजार औषधीय पौधों के रोपण का डीसी ने किया शुभारंभ

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। ऊना

संजीवनी परियोजना के तहत जिला ऊना में औषधीय पौधों के रोपण के लिए किसानों के कलस्टर बनाए जा रहे हैं, जिसकी शुरूआत उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने आज ग्राम पंचायत बेहड़ जसवां में मोरिंगा का पौधा लगाकर की। इस अवसर पर डीसी ने कहा कि विश्व भर में औषधीय पौधों का एक बहुत बड़ा बाजार है तथा बाजार में इनसे तैयार किए उत्पादों की अच्छी कीमत मिलती है। इसीलिए जिला ऊना में औषधीय पौधों के रोपण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के तहत ग्राम पंचायत बेहड़ जसवां में मनरेगा के तहत 85 हजार पौधे लगाए जा रहे हैं। जिनमें 17,400 पौधे मोरिंगा के तथा 68,450 पौधे अश्वगंधा के शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि पहले चरण में ग्राम पंचायत बेहड़ जसवां के 22 किसानों का चयन किया गया है, जिनकी भूमि पर पौधारोपण होगा। इसके अतिरिक्त जिला में अन्य स्थानों पर भी किसानों के समूह बनाकर औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा है। उन्होंने कहा कि इन पौधों को जंगली जानवर भी किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं तथा इससे किसान अपने आमदनी बढ़ा सकते हैं।

राघव शर्मा ने कहा कि किसानों को इन औषधीय पौधों के लिए उपयुक्त बाजार उपलब्ध करवाने के लिए डीआरडीए के माध्यम से प्रयास किया जा रहा है, जिसमें स्थानीय महिला उद्यमी रीवा सूद का भी सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह औषधीय पौधों की सफलतापूर्वक खेती जिला ऊना के समस्त किसानों का उत्साहवर्धन करेगी तथा अन्य किसान भी इस ओर आकर्षित होंगे।

रीवा सूद का फार्म भी देखा
इससे पहले जिलाधीश ऊना राघव शर्मा ने रीवा सूद का फार्म भी देखा और इसकी सराहना की। उन्होंने अपने फार्म में ड्रैगन फ्रूट, सर्पगंधा, अश्वगंधा, पारिजात सहित अन्य औषधीय पौधे लगाए हैं। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त डॉ, अमित कुमार शर्मा, पीओ डीआरडीए संजीव ठाकुर, जिला आयुष अधिकारी डॉ, राजेश कुमार शर्मा, बीडीओ सुदर्शन सिंह सहित अन्य अधिकारी एवं पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहे।