राष्ट्र विकास और मानवता कल्याण में आईआईटी मंडी का अहम योगदान : मुख्यमंत्री

110 करोड़ से विकसित टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब का किया लोकार्पण

उज्जवल हिमाचल। मंडी

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी प्रदेश का सबसे प्रतिष्ठित संस्थान है जो प्रदेश और इस क्षेत्र के लोगों के लिए गौरव का विषय है। मुख्यमंत्री जिला मंडी में आईआईटी कमांद के उत्तरी परिसर में संस्थान के 12वें स्थापना दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले 12 वर्षों में संस्थान ने अभूतपूर्व प्रगति की है। संस्थान के विद्यार्थियों ने अपने-अपने क्षेत्र में बेहतरीन प्रगति की है जो हम सभी के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में कुल 23 आईआईटी हैं। जिनमें से एक हिमाचल प्रदेश में स्थापित है, जो प्रदेश के लिए सम्मान का विषय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आईआईटी देश के विकास और मानवता कल्याण की दिशा में बहुमूल्य योगदान दे रहा है और उन्हें आशा है कि राष्ट्र निर्माण में इसका योगदान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि मण्डी में वर्ष 2009 में स्थापित इस संस्थान ने निरंतर सराहनीय प्रगति की है। वर्तमान में इस संस्थान से लगभग दो हजार विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं जबकि 100 से अधिक प्राचार्य और कर्मचारी यहां अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस संस्थान में बी.टैक, एम.टैक कोर्स के अतिरिक्त एम.टैक, एमएससी, एमए, एमएस और पीएचडी जैसे विषयों में स्नातकोत्तर कोर्स करवाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी को फैलने से रोकने में तकनीक ने अहम भूमिका निभाई है। जब महामारी ने दस्तक दी तब देश के पास एक भी पीपीई किट उपलब्ध नहीं थी लेकिन आज देश प्रतिदिन छ: लाख पीपीई किट्स तैयार कर रहा है। एक वर्ष पूर्व प्रदेश के पास केवल 50 वेंटीलेटर थे और आज 600 वेंटीलेटर उपलब्ध हैं जिनका निर्माण भारत में किया गया है।

उन्होंने कहा कि आईआईटी मंडी के कर्मचारियों और विद्यार्थियों की सुविधा के लिए टेहरी कमांद सडक़ का सुधारीकरण और स्तरोन्यन किया जाएगा। ऊहल पुल के निर्माण कार्य में तेजी लाई जाएगी और निर्धारित समय अवधि के भीतर पूरा किया जाएगा। मंडी जिले में प्रस्तावित हरित क्षेत्र हवाई अड्डा से क्षेत्र को बेहतर हवाई सम्पर्क सुविधा उपलब्ध होने के अलावा क्षेत्र की पर्यटन क्षेत्र को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा, इस प्रतिष्ठित संस्थान के अध्यापकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को भी सुविधा मिलेगी।

इस अवसर पर सांसद रामस्वरूप शर्मा ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान में आईआईटी मंडी का अपना एक विशेष नाम है जो गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासों के कारण ही 603 लंबित परियोजनाओं को वन मंजूरी प्राप्त हुई है जिससे विकासात्मक परियोजनाओं को पूरा करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। विधायक जवाहर ठाकुर ने कहा कि इस संस्थान ने क्षेत्र में विकास की नई संभावनाएं तलाशी हंै तथा क्षेत्र को राष्ट्रीय मानचित्र पर भी लाया है। उन्होंने क्षेत्र के लोगों के लाभ के लिए संस्थान के संकाय और विद्यार्थियों को अनुसंधान का कार्य करने का आग्रह किया। आईआईटी मंडी के निदेशक प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि वर्ष 2009 में आईआईटी मंडी की स्थापना के बाद इस संस्थान ने कभी पीछे मुडक़र नहीं देखा। इस दिन ने हमें यह अवसर दिया है कि हम संस्थान की उपलब्धियों के साथ असफलताओं पर भी विचार करें। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने समाज और संस्थान के समक्ष चुनौती पेश की है लेकिन चुनौतियों को अवसरों को बदलने का अवसर भी दिया है।

जिला परिषद अध्यक्ष मंडी पाल वर्मा, मिल्कफेड के अध्यक्ष निहाल चंद शर्मा, जिला मंडी भाजपा अध्यक्ष रणवीर सिंह, कार्यक्रम के समन्वयक और वरिष्ठ प्रोफेसर एससी जैन, रजिस्ट्रार कमल कुमार, उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर, डीआईजी मधुसूदन शर्मा, एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री इस अवसर पर अन्य लोगों के साथ उपस्थित थे।