उज्जवल हिमाचल। डेस्क
चुनाव के ठीक पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले कर जनता दल यूनाइटेड (JDU) की सदस्यता ग्रहण करने वाले बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को झटका लगा है। बिहार विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला है। उनके बक्सर की किसी सीट से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का प्रत्याशी होने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन प्रत्याशियों की लिस्ट में उनका नाम नहीं है। इसके बाद उन्होंने फेसबुक पर शुभचिंतकों के नाम से एक भावुक पोस्ट लिखा है। इसके बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को क्लीन चिट देते हुए उन्होंने कहा कि वे किसी को ठगते नहीं हैं। उनकी कोई मजबूरी रही होगी।
पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने अपने फेसबुक पर पोस्ट लिखा है कि वे शुभचिंतकों के फोन से परेशान हैं। वे उनकी चिंता और परेशानी भी समझते हैं। उन्होंने लिखा है कि सेवामुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूंगा, लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा। हताश निराश होने की कोई बात नहीं है। धीरज रखें। मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है। गुप्तेश्वर पांडेय ने इसके बाद गुरुवार को यह भी कहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसी को ठगते नहीं हैं। राजनीति की मजबूरियां होती हैं।
उन्होंने कहा कि कभी-कभी ऐसा होता है कि आप जो सोचते हैैं, वैसा नहीं हो पाता है। राजनीति की कई मजबूरियां होती हैं। हो सकता है टिकट का मामला प्रभावित होता हो। पर टिकट नहीं मिलने के बावजूद वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व एनडीए के सिपाही हैं। विदित हो कि गुप्तेश्वर पांडेय ने इसके 11 साल पहले 2009 में भी राजनीति में एंट्री की कोशिश की थी। तब आइजी रहते हुए उन्होंने वीआरएस लिया था। इस बार भी उनके जेडीयू या भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर बक्सर सीट से चुनाव लड़ने की संभावना तब खत्म हो गई, जब बीजेपी ने वहां से परशुराम चतुर्वेदी के प्रत्याशी होने की घोषणा कर दी। हालांकि, अब उनके वाल्मीकिनगर से लोकसभा उपचुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं।