बार्डर की निगरानी के लिए स्थानीय निवासी का योगदान अहम : डीजीपी कुंडू

सौरभ अटवाल। धर्मशाला

हिमाचल से चीन की लगती 240 किलोमीटर की लंबी सीमावर्ती क्षेत्राें में घटती जनसंख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए हिमाचल के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने चिंता व्यक्त करते हुए कहां की घटती जनसंख्या सीमावर्ती क्षेत्राें में बदल बदलते घटनाक्रम एक और मुश्किल पैदा कर रही है। सीमावर्ती क्षेत्राें में आम ग्रामीणों के मदद से सीमाओं का निरीक्षण तथा किसी भी तरह के बदलाव पर बारीक जानकारी रखी जा सकती है, लेकिन रोजगार के अभाव में पिछले कुछ वर्षों से ग्रामीण शहरों की ओर माइग्रेट कर रहे हैं।

हिमाचल सरकार को पुलिस महानिदेशक ने सुझाव देते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्राें में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने से न सिर्फ वहां के ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा, बल्कि ग्रामीणों की मदद से सीमावर्ती क्षेत्राें में पुलिस तथा सैनिकों द्वारा रखना सीमा की निगरानी भी आसान हो जाएगी। 15 जून को हुए गलवान घाटी के घटना के बाद पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा कि हिमाचल पुलिस द्वारा 240 किलोमीटर के सीमावर्ती क्षेत्राें का 5 यंग आईपीएस अफसरों द्वारा इलाकों का निरीक्षण करवाया, जिसकी रिपोर्ट उन्होंने राज्य सरकार, गवर्नर, रक्षा मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय को भी भेजा गया।

दिए गए सुझावों को गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय से काफी प्रोत्साहन मिला तथा गवर्नर द्वारा प्रशंसा भी मिली। संजय कुंडू ने कहा कि इस रिपोर्ट में मुख्यता दो बातों को रखा गया है। पहला पलायन को रोकना, जिससे दूसरा बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप करना। सीमावर्ती क्षेत्राें में संजय कुंडू ने बताया कि सितंबर में अटल टनल का इनोवेशन प्रधानमंत्री द्वारा होगा, जिसकी जिस की महत्ता भौगोलिक एक रूप से काफी ज्यादा है। जिसके कारण लेह मनाली कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी।

इसके अलावा पुलिस महानिदेशक निदेशक ने कहा कि पठानकोट से लगते हिमाचल के बॉर्डर नूरपुर में स्पेशल टास्क फोर्स का बेस बनाने का सुझाव सरकार को दिया गया है, जो आतंकी गतिविधियों से निपटने में तुरंत कार्रवाई कर सकें। इसके साथ ही उन्होंने अपनी कार्यकाल के दौरान अपनी प्राथमिकता मीडिया से साझा करते हुए बताया कि उनकी मुख्य प्राथमिकता क्राईम अगेंस्ट विमेन एंड चिल्ड्रन, ड्रग ट्रैफिकिंग, इलीगल माइनिंग और साइबर क्राइम है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार कार को प्रस्ताव देते हुए कहा कि हिमाचल में पुलिस प्रशासन का डिसेंट्रलाइजेशन किया जाना चाहिए।

पुलिस मुख्य का शिमला द्वारा ऑपरेट की जाती है, जिसे विकेंद्रीकरण करके कांगड़ा तथा मंडी करना चाहिए। जिससे क्राइम कंट्रोल बेहतर तरीके से हो सके। इसके साथ ही महानिदेशक ने कहा कि कोविड महामारी में हिमाचल प्रदेश के पुलिस की सक्रिय भूमिका की प्रशंसा पूरे देश भर में हुई। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कोविड महामारी में प्रदेश पुलिस द्वारा बीते चार माह में 2100 एफआईआर व 1.5 करोड़ रुपए चलान में वसूले हैं, जिसे राज्य सरकार के राजस्व विभाग को दे दिए जाएंगे।

वहीं, उन्होंने कहा कि आज पुलिस ट्रेनिंग डारोह का 25वीं सालगिरह पर बधाई देते हुए कहा कि पुलिस ट्रेनिंग डारोह आने वाले कुछ सालों में देश का एक श्रेष्ठ पुलिस ट्रेनिंग सेंटर बन कर उभरेगा। इसके साथ ही उन्होंने यह बात स्वीकारते हुए कहा कि पुलिस अकादमी डारोह की क्षमता बढ़ाना एक बड़ी चुनौती, जिसे जल्द से जल्द सुलझाने का प्रयास किया जाएगा।

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