स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी के दाह संस्कार का नहीं मिल रहा अनुदान

डेढ़ वर्ष से दफ्तरों के चक्कर काट रहे परिजन

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। शिमला

देश को आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को दाह संस्कार के लिए मिलने वाले अनुदान के लिए अब दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, लेकिन कही कोई सुनवाई नहीं हो रही है। छोटा शिमला के कृष्ण अग्रवाल जो कि स्वतंत्रता सेनानी थे और उनका देहांत काफी समय पहले हो गया था और उनकी पत्नी का शांति अग्रवाल का 2019 में शिमला में देहांत हो गया। उनका अंतिम संस्कार उनके बेटे सुनील अग्रवाल ने किया वही प्रदेश सरकार द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों की पत्नी को मिलने वाली अंतिम संस्कार की ग्रांट के लिए पिछले डेढ़ वर्ष से आवदेन किया है, लेकिन कही कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

सुनील अग्रवाल का कहना है कि उनके पिता फ्रीडम फाइटर थे और उन्हें पेंशन भी मिल रही थी, लेकिन उनका देहांत हो गया और पेंशन उनकी माता को मिलने लगी और उनकी माता का देहांत भी 2019 को हो गया, जिसके बाद सरकार द्वारा अंतिम संस्कार के लिए मिलने वाले अनुदान के लिए उन्होंने जिला प्रशासन से लेकर जीएडी तक चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कहीं कोई जवाब नहीं मिल रहा है। वही पूर्व पार्षद सुरेंद्र चौहान इस परिवार को समान राशि दिलाने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने कहा कि देश को आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को सरकारें कितना सम्मना देती है।

इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उनके निधन पर न तो कोई प्रशासनिक अधिकारी जाता है और न ही उन्हें अंतिम संस्कार के लिए दी जाने वाली सम्मान राशि मिल रही है। सरकार द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों की पत्नियों के देहान्त के बाद 20 हजार रुपए सम्मान राशि दी जाती है। अभी हाल ही में छोटा शिमला में स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी शांति अग्रवाल का निधन हुआ और परिजनों ने उनका दाह संस्कार करवाया, लेकिन दुःख की बात है कि उन्हें मिलने वाली सम्मना राशि डेढ़ वर्ष बाद भी नहीं मिल रही है। उन्होंने सरकार से जल्द ऐसे परिजनों को राशि जारी करने की मांग की।