पंचायत के विभाजन की मांग फिर से हुई नजरअंदाज

एस के शर्मा । हमीरपुर

 

  • हैरानी : चारियाँ दी धार पंचायत में एक वार्ड का  सफर 26 किमी 
  • दुर्गम पंचायत के लोगों का आसान नहीं सफ़र  
हमीरपुर। बेशक प्रदेश में नई पंचायतों के गठन की शुरुआत हो चुकी है तथा हमीरपुर जिला में 9 नई पंचायतों का गठन प्रस्तावित है लेकिन चारियाँ दी धार पंचायत से फिर बेइंसाफ़ी हुई है। यहाँ वर्षों से पंचायत के विभाजन की माँग को एक बार फिर नज़रअंदाज़ कर दिया गया है। सरकार की इस बेरूख़ी से पंचायत प्रधान विजयपाल सहित चारियाँ दी धार के लोग निराश हैं।
टौणी देवी विकासखंड के तहत पंचायत चारियां दी धार में एक वार्ड से दूसरे वार्ड तक सड़क का सफर 26 किलोमीटर है। लोग खड्डों व नालों के बीच से इसलिए पैदल नहीं चलना चाहते क्योंकि तेंदुए, सांप व अजगर जान के दुश्मन बने बैठे हैं। इसीलिए  पंचायत ने ग्राम सभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर चारियां दी धार पंचायत को विभाजित कर अलग से पुरली पंचायत बनाने की मांग उठाईं थी जिसे पूरा न होने पर जनता में आक्रोश है।
चार धारों पर बसी है पंचायत 
गौर रहे कि भराईयां दी धार, चारियां दी धार, लंबरा दी धार, रांगडेयां दी धार व पुरली वार्डो में बसी यह पंचायत दुर्गम व विकट भौगोलिक स्थिति होने के कारण सड़क व पंचायतघर से वंचित है। पंचायत की आबादी करीब 1900 है। जिनमें से 1384 मतदाता हैं। दुर्गम पंचायत के ग्रामीण आज भी मुख्य सड़क से 10 किलोमीटर से ज्यादा की चढ़ाई उबड़-खाबड़ रास्तों से चढ़कर गंतव्य तक पहुंचते हैं। लोग रोजमर्रा की जरूरतों के सामान को घर तक पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।
कठिन भौगोलिक स्थिति का सामना कर रहे लोग
सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना किसी व्यक्ति के बीमार होने पर करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में स्थानीय लोगों को उस व्यक्ति को पीठ या फिर चारपाई पर उठाकर मुख्य सड़क तक लाना पड़ता है। पंचायत के बीच एक सड़क बनाने का काम लंबरा दी धार से शुरू हुआ। लेकिन अदालती कार्रवाई में उलझकर रह गया। सड़क सुविधा न होने व दुर्गम रास्ते होने के कारण पंचायत में स्लेटपोश मकान अधिक हैं। शिक्षा के नाम पर पुरली व चारियां दी धार में दो मिडल स्कूल हैं। स्वास्थ्य सुविधा के लिए एक डिस्पेंसरी है। लेकिन एक वार्ड से दूसरे वार्ड तक पहुंचने के लिए लोग खतरनाक रास्ते पार कर डिस्पेंसरी तक पहुंचते हैं। पंचायत के अधिकतर युवा सेना में भर्ती हैं। कुछ युवा निजी क्षेत्र में रोजगार कर रहे हैं। तेंदुए के डर से लोग भेड़-बकरी नहीं पाल सकते हैं।
पुरली  को अलग पंचायत बनाया जाए : विजयपाल 
इस बारे में पंचायत प्रधान विजय पाल ने बताया कि ग्राम सभा के लिए कोरम पूरा करना मुश्किल हो जाता है क्योंकि दुर्गम पगडंडियों से लोग पंचायतघर तक नहीं पहुंच पाते। चारियाँ दी धार से पुरली वार्ड तक सड़क का सफर 26 किमी है। ऐसे में पुरली वार्ड को अलग पंचायत बनाने का प्रस्ताव पास हुआ है। सरकार को दुर्गम पंचायत के लोगों की इस मांग को प्राथमिकता के आधार पर मान लेना चाहिए।