मणिमहेश के लिए पवित्र छड़ी का प्रस्थान

उज्जवल हिमाचल। चंबा

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बाबा चर्पट नाथ जी के मंदिर से मणिमहेश कैलाश के लिए आखिरी पवित्र छड़ी का प्रस्थान हुआ। बाबा चर्पटनाथ के पुजारी ने बताया कि यह प्रथा चंबा के राजा साहिल वर्मन के समय काल से से चली आ रही है और इस ऐतिहासिक परंपरा का निर्भहन हमारे पूर्वज करते आ रहे है। मणिमहेश डलझील में स्थापित चौमुखी भगवान भोले की मूर्ति पूजा अर्चना के स्नान के साथ ही इस पवित्र यात्रा का समापन होता है।

उन्होंने बताया कि यह छड़ी पिछले शुक्रवार को चंबा के जुलाकड़ी कृष्ण मंदिर तक पहुंची थी। शनिवार को चौरासी भरमौर में रुकने के बाद 25 अगस्त को मणिमहेश डलझील पहुंचेगी और 26 अगस्त को शाही स्नान के उपरांत ही वापिस लौटेगी। इस बार चाहे अंतरराष्ट्रीय मिंजर का मेला हो या फिर मणिमहेश की पवित्र यात्रा सब कुछ फीका ही देखने को मिला। इसको लेकर लोग अब अगले साल में आस लगा रहे है कि भगवान करे कि अगले साल यह सब कुछ ठीक से हो।