श्रद्धालुओं को अरोग्य सेतु एप्प डाऊनलोड करना जरूरी : डीसी

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। शिमला
कोरोना संक्रमण के कारण नवरात्र के दौरान जिला के विभिन्न धार्मिक स्थानों एवं श्रद्धालुओं को विशेष मानक संचालनों एवं दिशा-निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित की जानी अनिवार्य है, ताकि समाज में कोरोना के फैलाव को रोका जा सके। आयुक्त मंदिर एवं उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने आज इस संबंध में बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि नवरात्र के दौरान सामाजिक दूरी बनाएं रखने, मास्क का उपयोग करने तथा निरंतर हाथों को धोने अथवा सेनेटाइज करने की अनिवार्यता का धार्मिक स्थलों में सख्ती से पालन किया जाए। उन्होंने इस संदर्भ में विभिन्न मंदिर कमेटियों से परिसर में स्कैनर नल तथा साबुन के लिए फूट पैडल हैंड वॉश की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा। मंदिरों के प्रवेश द्वार पर श्रद्धालुओं के लिए थर्मल स्कैनिंग व्यवस्था की जानी आवश्यक है। उन्होंने बताया कि किसी भी व्यक्ति को इस दौरान बुखार आने पर मंदिर परिसर में बनाए गए आइसोलेशन रूम में रखा जाएगा, जिसके उपरांत उनकी कोविड जांच की जाएगी। कोविड पॉजिटिव पाए जाने पर श्रद्धालु को क्वारंटीन सेंटर भेजा जाएगा। उन्होंने 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों, वृद्धों, गर्भवती महिलाओं तथा बीमारियों से ग्रस्त श्रद्धालुओं को मंदिर आने से परहेज रखने की अपील की।

बुजुर्ग सुबह या शाम ही आएं मंदिर

उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ऑनलाइन आरती व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि वृद्ध यदि मंदिर आना चाहते हैं तो प्रात: काल जल्दी अथवा सांय देरी से आए, ताकि भीड़ के संक्रमण से बचा जा सके। उन्होंने बताया कि मंदिरों की सेनेटाइजर की व्यवस्था में मंदिर संचालक विशेष ध्यान देते हुए दिन में चार बार जिसके तहत सुबह-शाम के अतिरिक्त दिन में दो अन्य बार मंदिरों की सेनेटाइजेशन करना सुनिश्चित करें। जाखू, तारा देवी, संकटमोचन तथा कालीबाड़ी मंदिर के समीप लगने वाली सभी दुकानें इस दौरान बंद रहेगी। मंदिर परिसर और इसके बाहर श्रद्धालुओं के लिए उचित दूरी बनाएं रखने के लिए गोलो की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मंदिर में किसी प्रकार का प्रसाद व चुन्नी चढ़ाना, लेना, मूर्तियों को छूना, टीका लगाना अथवा हवन, मुंडन तथा कन्या पूजन आदि वर्जित रहेगा। श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश व निकासी के लिए मंदिर प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्था की जाएगी, जिसमें सामाजिक दूरी बनाए रखने तथा मास्क की उपयोगिता अनिवार्य रहेगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न मंदिर कमेटियां श्रद्धालुओं के जूते आदि खोलने और बिना छुए उनकी उचित व्यवस्था के लिए पूर्व में ही प्रबंध सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मंदिरों में रखने वाले दान पात्र सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखे जाएं जोकि विशेष मानक संचालन नियमों के तहत तीन दिन बाद खोले जाएंगे, जिसमें नकदी की गिनती व बंडलों की पैकिंग में विशेष सैनेटाइजेशन व्यवस्था के तहत की जानी आवश्यक होगी। उन्होंने संचालकों से अतिरिक्त दान पात्रों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए, ताकि इसमें किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो। उन्होंने जिला के समस्त उपमंडलाधिकारियों तथा मंदिर न्यासियों को मंदिर के आसपास कोविड संक्रमण से बचाव के प्रचार-प्रसार की दृष्टि से होर्डिंग्स लगाने, पंफलेट्स बांटने तथा अन्य जन सूचनाओं के माध्यम से इस महामारी से बचने के उपायों के प्रति जानकारी उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि इन पर मंदिर परिवेश के लिए सूचनाओं का अंकित होना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि नवरात्र के दौरान पथ परिवहन निगम की बसें बस स्टैंड तथा आनंदपुर बाइफरकैशन से मंदिर तक आएगी। मंदिर के लिए पार्किंग व्यवस्था आनंदपुर सडक़ पर की जाएगी। उन्होंने बताया कि मंदिर जाने वाली बसों को दिन में चार बार सेनेटाइज किया जाएगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को बसों में भीड़ न जमा होने तथा बसों में खड़े न होने के निर्देश भी दिए। उन्होंने बताया कि नवरात्र के दौरान मंदिर परिसर पर ड्यूटी पर तैनात पुलिस, हिमाचल पथ परिवहन निगम तथा अन्य कर्मचारियों के खाने तथा पीने की व्यवस्था मंदिर कमेटी द्वारा की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस दौरान मंदिरों को बंद करने की अवधि आधा से एक घंटे तक बढ़ाई जाएगी, ताकि किसी प्रकार की भीड़-भाड़ से श्रद्धालुओं को बचाया जा सके। उन्होंने समस्त उपमण्डलाधिकारियों को जिला के सभी मंदिरों में विशेष मानक संचालनों की अनुपालना सुनिश्चित करने के संबंध में आवश्यक बैठक कर निर्देश जारी करने के आदेश दिए। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त अपूर्व देवगन, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) प्रभा राजीव, आयुक्त (उपायुक्त) डॉ. पूनम, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुशील शर्मा, जिला के समस्त उपमण्डलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुरेखा चैपड़ा, विभिन्न मंदिरों के न्यासी एवं सदस्य, होम गार्ड, अग्निश्मन, हिमाचल पथ परिवहन निगम, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग तथा जल शक्ति विभाग के अधिकारीगण एवं कर्मचारी उपस्थित थे।