विकलांग से छिनी छत, पंचायत भी बेखबर

पंकज शर्मा। ज्वालामुखी

निर्धनता परिवार को लाचार बना देती है और सिर पर छत भी न रहे, तो दिन और रात काटना मुश्किल हो जाता है।
ऐसा ही एक मामला जिला कांगड़ा की तहसील खुंडिया के निकटवर्ती ग्राम पंचायत दनोआ तहसील बडोह का है, जहां विकलांग पवन का परिवार बिना आशियाने के वक्त गुजार रहा है। पवन कुमार पुत्र होशियार सिंह ग्राम पंचायत दनोआ तहसील बडोह बीपीएल परिवार से संबंधित है। पवन बचपन से ही विकलांग स्तिथि में है, उसकी टांगे ज्यादा काम नहीं कर पाती। पवन कुमार के दो बच्चे हैं, दोनों जुड़वा हैं।

इस इंसान का दुर्भाग्य ऐसा है कि जिस मकान में ये अपने बच्चों की जिंदगी गुजार रहा था, वो भी एक सप्ताह पहले गिर गया। गनीमत यह रही कि जब मकान गिरा, तब परिवार घर में नहीं था। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। अब पवन की गरीबी के साथ सिर से छत का सहारा भी चला गया, जबकि इसकी पंचायत प्रधान ने एक बार भी इस परिवार की कोई सुध नहीं ली।

गरीब पवन कुमार लगभग तीन वर्ष से पंचायत के चक्कर लगा रहा है कि उसे किसी योजना के तहत मकान का प्रावधान किया जाए या आर्थिक सहायता दी जाए, ताकि मकान बनाया जा सके, पर उसकी अभी तक किसी ने नहीं सुनी। मौके पर तहसीलदार बड़ाेह ने पवन को कुछ समय के लिए एक कमरा कमेटी में दिया है और जल्द ही अन्य इंतजाम करवाने को कहा है।

शिवसेना पंजाब हिमाचल अध्यक्ष रणजीत धीमान ने पवन के घर का दौरा किया और उसकी मदद की। शिवसेना प्रदेश अध्यक्ष रंजीत धीमान ने प्रदेश सरकार व पंचायत प्रतिनिधियों से मांग की है कि जल्द से जल्द इस गरीब परिवार को मकान व आर्थिक मदद मुहैया करवाई जाए। उन्होंने सरकार व विधायक से आग्रह किया है कि पंचायत के नुमाइंदों को उनकी जिम्मेदारी सही से निभाने के निर्देश दिए जाएं, ताकि गरीबों को उनका हक मिल सके।