दियोटसिद्ध मंदिर न्यास सामाजिक सरोकारों में आगे   

शिक्षण संस्थानों से लेकर गौसदन तक चला रहा मंदिर न्यास 

एसके शर्मा । हमीरपुर
प्रदेश के प्रमुख सिद्ध पीठों में सुमार और आय के मामले में अव्वल उत्तरी भारत का प्रसिद्ध सिद्धपीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध न्यास सामाजिक सरोकारों को निभाने में भी अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। मंदिर न्यास प्रशासन कन्याओं की शादी, आर्थिक रूप से कमजोर परिबार के बीमार व्यक्तियों, दिव्यांगों और बेसहारा बच्चों के लिए न्यास हर वर्ष करोड़ों रूपये की सहायता करता है। श्रद्धालुओं व स्थानीय वासियों की सुविधा के लिए भी मंदिर न्यास ने करोड़ों के विकासात्मक कार्यों को अमलीजामा पहनाया है।
बताते चलें कि बाबा बालक नाथ मंदिर न्यास दियोटसिद्ध द्वारा ग्राम पंचायत कलवाल में गौसदन का संचालन भी किया जा रहा है। ग्राम पंचायत चकमोह में न्यास द्वारा डिग्री कालेज, संस्कृत कालेज, वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल व मॉडल हाई स्कूल का संचालन भी किया जा रहा है। इन शिक्षण संस्थानों में क्षेत्र के हजारों बच्चें शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसके साथ ही श्रद्धालुओं को ठहरने की सुविधा के लिए सरायों का निर्माण करवाया गया है। लंगर परोसने के लिए 10 करोड़ की लागत से एक साथ पांच हजार लोगों को बैठने के लिए भव्य लंगर भवन का निर्माण किया गया है। मंदिर न्यास यहां आने बाले श्रद्धालुओं को हर सुविधा मुहैया करवाता आ रहा है। मेलों के दौरान स्थानीय क्षेत्र के युवाओं को रोजगार दे रहा है। गौर रहे कि विगत वर्ष कोरोना महामारी के दौरान मंदिर न्यास ने प्रदेश सरकार को करोड़ों रूपये की मदद की है। गरीब व आशय लोगों को जरूरत के अनुसार अनाज व राशन की सहायता दी है। न्यास ने मुख्यमंत्री राहत कोष में कोरोना से निपटने के लिए करोड़ों रूपये की सहायता प्रदान की है। इससे पहले भी मंदिर न्यास मुख्यामंत्री राहत कोष में इस तरह की सहायता प्रदान करता रहा है। कोरोना के दौरान न्यास ने यात्रियों व गरीब लोगों को लंगर बनाकर वितरित किया। न्यास द्वारा बनाये गए भवनों को कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध करवाया।


दियोटसिद्ध मंदिर न्यास के सेवा प्रकल्प

दियोटसिद्ध मंदिर परिसर में लगे सैंकड़ो कर्मचारियों, चारों शिक्षण संस्थाओं में लगे स्टाफ  व शिक्षण समग्री के लिए खर्च व गौसदन के रख रखाब की व्यवस्था पर हर वर्ष करोड़ों खर्च किया जाता रहा है। वहीं मंदिर में आने बाले श्रद्धालुओं की सुविधा पर भी करोड़ों खर्च हो रहा है। मंदिर न्यास ने श्रद्धालुओं के लिए यहाँ ठहरने, खाने, पीने व स्वास्थ्य संबधी सभी सुविधाएं उपलब्ध करवा रखी है। हांलाकि दियोटसिद्ध में स्थाई पार्किंग की व्यवस्था अभी तक न्यास प्रशासन नहीं कर पाया है। दियोटसिद्ध मंदिर का सालाना आय 30 करोड़ के करीब होती है। न्यास को बने तीन दशक से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन कई बार प्रयासों के बाद भी यहां गाडिय़ों को खड़ा करने के लिए पार्किंग की व्यवस्था न्यास नहीं कर पाया है। इसके अलावा दियोटसिद्ध से शाहतलाई रोपवे का प्रस्ताव भी कई वर्षों से लटका हुआ है।


समाजसेवा व मंदिर उत्थान में महंत का बड़ा योगदान

बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध के विकासात्मक कार्यों में मंदिर के महंतों का सबसे ज्यादा योगदान रहा है। जिस परम्परा को गद्दीनशीन महंत भी वेखुबी से निभा रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान महंत श्रीश्रीश्री 1008 राजेंद्र गिरी महाराज ने गरीब व असहाय लोगों की सहायता के साथ साथ गरीब कन्याओं की शादी, बीमार लोगों के इलाज का खर्च वहन करते रहे हैं। वहीं चैत्र मेलों के दौरान कोरोना को देखते हुए ठहरने व लंगर पर प्रतिबंध होने के बाबजूद महंत ने लगातार श्रद्धालु हित में आवाज उठाई हैं। उन्होंने खुद श्रद्धालुओं के लिए खाने पीने की पैक्ड बस्तुएं फ्री में उपलब्ध करवा कर लगातार लंगर लगाया। बच्चों के दूध, फल, पानी का भी लगातार लगंर लगाए रखा। इसके अलवा हर साल करोड़ों रूपये सामाजिक परोपकारों के लिए भेंट करते रहे है।