शिमलाः प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में वरिष्ठ डॉक्टरों की हड़ताल के चलते मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। अस्पताल में ओपीडी में वरिष्ठ डॉक्टर नहीं बैठे, वही रेजिडेंट डॉक्टरों की ओपीडी में मरीजों की लंबी भीड़ लगी रही।
अकादमिक भत्ता न मिलने के कारण सीनियर डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। 250 वरिष्ठ डॉक्टर मांगें पूरी न होने से सामूहिक अवकाश पर गए हैं। आईजीएमसी में रूटीन के 55 ऑपरेशन भी टाले गए हैं। इससे सबसे अधिक परेशानी उन मरीजों को होगी, जिनके ऑपरेशन होने हैं।
मरीजों के हर्निया, गाल ब्लेडर, हाथ, बाजू, टांग, आंखों, ईएनटी संबंधी बीमारियों के ऑपरेशन करवाने आए मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ेगी। सेमडिकोट के अध्यक्ष डॉ. राजेश सूद का कहना है कि डॉक्टरों को अकादमिक भत्ता नहीं मिला है।
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आईजीएमसी के अलावा मंडी, हमीरपुर, टांडा और चंबा में भी वरिष्ठ डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। इससे अस्पताल आने वाले मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना होगा। हालांकि, जूनियर डॉक्टर व्च्क् संभालेंगे, लेकिन वरिष्ठ डॉक्टरों की कमी से काम प्रभावित होना तय है।
आरडीए ने भी दी अवकाश पर जाने की धमकी
दूसरी ओर आईजीएमसी के आरडीए ( रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ) के अध्यक्ष डॉ . मनोज मैतान ने कहा कि वह आज सरकार के पक्ष को देखेंगे अगर सरकार ने इस मांग को पूरा नहीं किया तो आरडीए भी सेमडिकोट के पक्ष में हर रोज दो से तीन घंटे की हड़ताल शुरू कर देगी।
गौर रहे कि आईजीएमसी में 3 हजार से अधिक मरीजों की ओपीडी होती है। इनमें कंसलटेंट डॉक्टरों के साथ सीनियर और जूनियर डॉक्टर काम संभालते हैं। लेकिन अब जूनियर डॉक्टर ही यह काम संभालेंगे। ऐसे में कम डॉक्टरों के चलते मरीजों को दिक्कतें झेलनी पड़ेगी।
ओपीडी में चेकअप के बाद हर रोज करीब 100 से अधिक मरीज दाखिल किए जाते हैं। वहीं, सेंडिकोट के अध्यक्ष डॉ. राजेश सूद ने बताया कि वह अपनी मांगो को लेकर 1 दिन की समूहिक हड़ताल पर है।