सही से भुगतान न होने के कारण ठेकेदारों ने सरकार के खिलाफ किया रोष प्रर्दशन

कई बार विभाग के पास अपनी पीड़ा को रखा परन्तु कोई समाधान नहीं।

कांगड़ा: कांगड़ा व शाहपुर पी डब्ल्यू डी डवीजन के क्षेत्र में प्रदेश के विकास के लिए पिछले कई वर्षों से सड़कों, पुलों, स्कूल, डिस्पेंसरी और छोटे-छोटे रास्ते जो एक गांव को दूसरे गांव से जोड़ते हैं। समस्त ठेकेदार उनके विकास के लिए काम कर रहे हैं, ताकि हमारा प्रदेश तरक़्क़ी करता रहे। ठेकेदार किसी भी राज्य की तरक़्क़ी में बहुत बड़ा योगदान रखते हैं। ठेकेदार एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें ठेकेदार केवल अपना ही नहीं बल्कि अपने साथ बीस से तीस परिवारों का पालन पोषण भी करता है।

ठेकेदार एक तरह से रोज़गार कार्यालय की तरह काम करता है, लेकिन पिछले कुछ समय से मार्च महीने के बाद से ठेकेदारों को सही से भुगतान नहीं हो पा रहा है। हर ठेकेदार की छ: महीनों से पेमेंट नहीं हुई है। जिसके कारण ठेकेदारों का अपना व अपने अंतर्गत काम करने वाले सभी परिवारों का गुज़ारा चलाना मुश्किल हो रहा है। ठेकेदारों ने कहा कि वह सरकार पर बोझ ना बन कर खुद का रोज़गार खुद तलाशते हैं।

सबने बैंकों से क़र्ज़ लेकर काम पर खर्च कर दिया है। अब बैंक का क़र्ज़ और ब्याज हर दिन बढ़ रहा है। कई बार विभाग के पास हम सबने अपनी पीड़ा को रखा है, परन्तु कोई समाधान नहीं हुआ। हम सब की परेशानी अब इतनी बढ़ चुकी है कि कुछ ठेकेदारों ने तो प्रशासन को आत्मदाह तक करने को बोल दिया है।

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हिमाचल सरकार की योजनाओं Naward, scsp, deposit work का कोई मतलब नहीं रह गया है। किसी बजट में पैसा नहीं आ रहा है। केंद्र सरकार की नाबार्ड परियोजना जो कि पहले बजट का प्रावधान होने के बाद शुरू होती है के भुगतान भी समय पर नहीं हो रहे हैं।

सरकार एक तरफ़ तो करोड़ों के शिलान्यास करके वाह वाही लुट रही है और दूसरी ओर चली हुई सब परियोजनाएं ठप्प होने की कगार पर हैं। लोगों को गुमराह करने के लिए सरकार ने शाहपुर में लोक निर्माण विभाग का नया डवीजन खोल दिया है, लेकिन उसमे पिछले लम्बे समय से कोई स्टाफ़ नहीं आ सका है और ना ही कोई एक्सियन तैनात हो पाया है। तीन-तीन दिन एक ही अफ़सर और स्टाफ़ को यहां वहां घुमाया जा रहा है, जिससे ना तो शाहपुर में ना ही कांगड़ा में कोई काम हो रहा है।

ठेकेदारों ने सरकार से आग्रह किया कि जब तक सही से इंतज़ाम नहीं हो जाता तब तक शाहपुर डवीजन को ना खोला जाए। ठेकेदार यूनियन ने सरकार द्वारा बिना सोचे समझे जीएसटी को 18%  करने का भी विरोध करती है। जीएसटी बढ़ा दिया लेकिन सरकार ने रेट बढ़ाने पर कोई काम नहीं किया। सही क़ानून का व्याख्यान ना होने के कारण एम और ऐक्स फार्मों के नाम पर ठेकेदारों के बिल से मोटी रक़म रोकी जा रही है और दूसरी ओर क्रैशर मालिकों के साथ सरकार के मंत्री की मिलीभगत जग ज़ाहिर है।

हर दिन बिना रोक टोक के निर्माण सामग्री के रेट बढ़ाए जा रहे हैं। हिमाचल सरकार पर पूरे प्रदेश में 1000 करोड़ के लगभग ठेकेदारों की देनदारी है और केवल कांगड़ा की बात करें तो 18 से 20 करोड़ रुपए ठेकेदारों का विभाग के पास भुगतान होने को है। कांगड़ा मंडल से नागेश्वर ठाकुर ने कहा कि अगर जल्द ही सरकार सबका कोई समाधान ना निकाल पाई तो, विरोध में सरकार का घेराव किया जाएगा।

संवाददाताः अंकित वालिया।

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