उज्जवल हिमाचल। बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला और जिला सोलन में एसीसी सीमेंट फैक्ट्री के बरमाणा प्लांट और अंबुजा सीमेंट प्लांट दाड़लाघाट में अगले आदेशों तक काम बंद होने के आदेश पारित हुए हैं। जिससे करीब 15 हजार परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट छा गया है। दोनों प्लांट में अनिश्चित काल के लिए सभी गतिविधियां बंद करने की घोषणा से कर्मचारी और अन्य वर्कर भारी दुविधा में हैं, क्योंकि इस दौरान ये कर्मचारी और वर्कर किस तरह से अपने परिवार का भरण-पोषण करेंगे।
मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार देर शाम को कंपनी प्रबंधन ने प्लांट को बंद करने के आदेश जारी कर दिए। वहीं, अदाणी समूह की एसीसी सीमेंट फैक्ट्री बरमाणा के प्लांट हेड ने बुधवार शाम को नोटिस जारी कर गुरुवार से फैक्ट्री में अनिश्चित काल के लिए सभी गतिविधियां बंद करने की घोषणा की। एसीसी सीमेंट फैक्ट्री बरमाणा से जिला बिलासपुर और प्रदेश के करीब 3,800 ट्रक ऑपरेटर जुड़े हैं।
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इनमें द बिलासपुर जिला ट्रक ऑपरेटर परिवहन सहकारी सभा के 2,300 ट्रक चालक माल ढुलाई कर परिवार पालते हैं। पूर्व सैनिक सभा के 1,500 ट्रक हैं। अगर प्लांट बंद होता है तो 3,800 ऑपरेटर बेरोजगार होंगे। इसके अलावा 3,800 चालक, 1,500 परिचालक बेरोजगार होंगे। फैक्ट्री बंद होने से बिलासपुर से स्वारघाट तक करीब 600 मेकेनिक और टायर पंचर का काम करने वालों की ज्यादातर रोजी-रोटी ट्रकों से चलती है।
इनके अलावा क्षेत्र में ढाबा चलाने वालों की रोजी-रोटी पर भी प्रभाव पड़ेगा। कंपनी में 530 नियमित कर्मचारी और 450 कर्मचारी ठेके पर हैं। फैक्ट्री बंद होने से इन सभी पर रोजगार का संकट खड़ा हो जाएगा। करीब पांच माह पहले ही अदाणी समूह ने एसीसी इकाई को टेकओवर किया था। उसके बाद पहले एसीसी और ट्रक ऑपरेटर के बीच हुए 15 हजार मीट्रिक टन माल ढुलाई को कम कर 5 हजार मीट्रिक टन किया। उसके बाद ऑपरेटरों ने जमकर इसका विरोध किया। अब कंपनी प्रबंधन ने कर्मचारियों को भी काम पर आने से मनाही कर दी है।
वहीं इस दौरान गागल सीमेंट वर्कर यूनियन ने इसका कड़ा विरोध करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। गागल सीमेंट वर्कर यूनियन के अध्यक्ष शिवराम संख्यान ने कहा कि नियमों को ताक पर रखकर कंपनी प्रबंधन ने बुधवार देर शाम को कर्मचारियों के लिए नोटिस लगाया है। इसका वह कड़ा विरोध करते है। उन्होंने कहा कि अगर कंपनी वर्करों का वेतन रोकती है तो हम आंदोलन करने को मजबूर होंगे।