आखिरकार हिमाचल ने हवा से हिमांक को नापने की हिमाकत कर ही लीः कपूर

उज्जवल हिमाचल। पालमपुर

आखिरकार हिमाचल प्रदेश ने हिलोरे मारते हुए हवा से हिमांक को नापने की हिम्मत और हिमाकत कर ही ली है । पहाड़ में पर्यटन पर्यावरण और परिवहन की सही अवधारणा को पंख रोपवे के बाद अवश्य लगेंगे ।प्रदेश महामंत्री भाजपा त्रिलोक कपूर ने कहा कि  हिमाचल सरकार ने जयराम ठाकुर के नेतृत्व में धर्मशाला में 207 करोड़ रुपये की लागत से रोपवे का लोकार्पण कर एक नया आयाम ही स्थापित नही किया बल्कि भविष्य के प्रकल्पों संकल्पों के नव अध्याय के पदचाप भी उकेर दिए हैं ।

यह भी संयोग है कि धर्मशाला में रोपवे बनने से कुछ पहले केंद्रीय भूतल एवम पर्यावरण मंत्री ने ट्वीट कर हिमाचल में 13 महत्वपूर्ण रोपवे की घोषणा की थी ।  कपूर ने कहा कि  डबल इंजन की सरकार में जहां केंद्र सरकार एक ओर 6000 करोड़ रुपये निवेश सुनिश्चित करना तय किया तो वहीं प्रदेश सरकार ने स्काई वे कारपोरेशन के गठन कर जमीनी काम किया है । नितिन गडकरी जो कहते हैं वो करते हैं, उन्होंने जब हिमाचल प्रदेश के 13 स्थानों पर 111.06 किलोमीटर लंबे रोपवे की घोषणा की तो यह तय है कि इस जाल से प्रदेश के हर कोने में अभूतपूर्व परिवर्तन और चहुंमुखी विकास होगा ।

त्रिलोक कपूर ने कहा कि नवनिर्मित रोपवे के अतिरिक्त धर्मशाला में एक ओर 800 करोड़ की लागत से 14 किलोमीटर लम्बा रोपवे, शिमला में 1200 करोड़ से 22.4 किलोमीटर लम्बा बिलासपुर में लुहनु से बन्दला 150 करोड़ से 3 किलोमीटर मंडी में भटकीधार से शिकारी माता 150 करोड़ से 3 किलोमीटर , नारकंडा से हाटु पीक 170 करोड़ से 3.1 किलोमीटर , जिला सिरमौर में चूड़धार 250 करोड़ से 8 किलोमीटर , जिला चंबा में चौगान से चामुंडा माता और भनौति से किलाड़ 1000 करोड़ से 21 किलोमीटर , मनाली और हम्प्टा पिक में 880 करोड़ से 17 किलोमीटर के दो लंबे रोपवे , कसौली 250 करोड़ से 3 किलोमीटर रोपवे और पालमपुर 605 करोड़ से 13 किलोमीटर रोपवे की घोषणा अपने आप मे विकास की नई गाथा है धर्मशाला से हुई यह शुरआत अपने आप मे बेमिसाल है । मात्र 3 वर्षों में धरातल में बनी यह परियोजना सुशासन की तस्वीर भी खिंचती है । परिकल्पना कब संकल्पना बन निश्चित समय अवधि में साकार हो जाये तो उस के लिये सरकार बधाई की पात्र ही है ।

त्रिलोक कपूर ने कहा कि पहाड़ में सड़क निर्माण हमेशा चुनौती ही रही है इसके बाद भी हिमाचल ने गांव गांव तक सड़क निर्माण किया है । पहाड़ की छाती को चीरती यह सड़के अपने साथ दरकते पहाड़ों की भयावता कार्बन उत्सर्जन की पीड़ा डंपिंग से बंद होते जल प्रवाह मानव विस्थापन के साथ कटते पेड़ों के दर्द को सहता रहता आया है । ऐसे में बढ़ते वाहनों के दबाव में सड़के सिकुड़ते मालूम पड़ रही थी । वैकल्पिक परिवहन तंत्र की मांग बढ़ रही थी और शिखर की ओर हिमाचल के नारे ने प्रदेश सरकार की जिजीविषा को नई तरफ मोड़ दिया । स्काई वे कारपोरेशन को धरातल में ला कर हिमाचल के अनुरूप मॉडल को सहजता से प्रतिस्थापित करने का बीड़ा उठाया ।। जब हिमाचल अपने कदमों को कम समय मे नाप कर दूरी को पाट देगा वो समय अब दूर नही ।

कपूर ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जिस गति से केंद्रीय भूतल एवम परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शिमला शहर में रोपवे के माध्यम परिवहन तंत्र का मॉडल तय किया वो अपने आप मे गेम चेंजर होगा । तारा देवी से संजौली तक समर हिल से पंथा घाटी तक परिवहन व्यवस्था दिल्ली की मेट्रो प्रणाली से भी अव्वल रहेगी। शिमला पहाड़ों की रानी तो है ही सुगम सरल परिवहन की बानगी भी यहाँ दिखेगी ।

मेरे पालमपुर ने शुरू से धौलाधार को छूने का स्वप्न मन में देखा था थाथरी जो सोलंग नाला की तरह स्नो लाइन पर बड़ा मैदान है से होते हुए चुंजा ग्लेशियर तक पहुंचने की कवायद शुरू होना एक बहुत बड़ा मील पत्थर ही है ।

प्रदेश महामंत्री भाजपा त्रिलोक कपूर ने कहा कि यह रोपवे हिमाचल को हिमाचल होने के एहसास को जीवंत कर देंगे । सड़क परिवहन में आने वाली दिक्कतों को समझते हुए रोपवे के महत्व को समझना आवश्यक है । इस शुरआत को अधिक व्यवहारिक बनाने की आवश्यकता है हिमाचल जहाँ बिजली सरप्लस राज्य है वहाँ स्काई वे कारपोरेशन और बिजली बोर्ड के बीच आपसी समझ से लागत और खर्च को भी नियंत्रित किया जा सकता है ।

कपूर ने कहा कि 25 जनवरी को हिमाचल के पूर्ण राजयत्व के 50वें वर्ष के समारोह भी पूरे होने जा रहे है वही हिमाचल ने पर्यटन को बढ़ाने के लिए जल थल और नभ में पिछले तीन वर्षों में बड़े काम किये है तता पानी और पौंग झील में जल क्रीड़ा नई राहें नई मंजिलें के माध्यम से नए पर्यटक स्थल और पैरा ग्लाइडिंग रोपवे के माध्यम से आकाश को नापने का काम हिमाचल ने शिद्दत से पिछले चार वर्षों में किया है । कनेक्टिविटी को लेकर हेली टैक्सी हेली पोर्ट से लेकर मंडी के प्रस्तावित हवाई अडडे की प्रतिबद्धता कांगड़ा हवाई अडडे के विस्तार से हिमाचल की आर्थिकी मजबूत होगी ।

कपूर ने कहा कि पर्यटन के साथ रोजगार के अवसर हिमाचल में ही सृजित होंगे । बीते चार वर्षों में हमने परवाणू कैथंलीघाट फोर लेन को बनते हुए देखा है कुल्लू मनाली फोर लेन में दौड़ते वाहन हमने खुद देखे है सुरंगों के जाल को बढ़ते देखा है अटल टनल के माध्यम से बर्फ बारी के बावजूद लाहौल घाटी को पूरे हिमाचल से जुड़ते देखा है । इसी तर्ज पर रोपवे के माध्यम से हिमाचल में भी हम जल्द ही सुगम सरल त्वरित तेज सुरक्षित परिवहन प्रणाली को साकार होते आगामी महीनों में देखेंगे । तभी हम हिमाचल में रोपवे को पर्यटन की वास्तविक अवधारणा में परिलक्षित होते हुए पाएंगे ।