मेडिटेशन से ही हम जान सकते हैं अपने जीवन का उदेश्य : रामप्रकाश ठाकुर

जतिन लटावा। जोगिंदरनगर

माइंड ऑपरेशन अकादमी जोगिंदरनगर के निदेशक रामप्रकाश ठाकुर ने कहा मेडिटेशन हर इंसान दो तरीके से करता एक एक्टिव और दूसरी पैसिव एक्टिव मेडिटेशन उसे कहते है जब हम किसी काम को बाहरी तोर पर करते हैं। उन्होंने कहा कि जब हम रोजमर्रा के जीवन में किसी काम को एक ही जगह रहकर के करते हैं चाहे वह खाना-खाना हो,चाहे वह रास्ते पर चलना हो चाहे वह कपड़े धोना हो चाहे वह पढ़ाई करना हो या फिर वह अन्य किसी प्रकार की गतिविधि करना हो। उन्होंने कहा कि जब हम मानसिक और शारीरिक रूप से एक जगह पर रहते हैं उसको एक्टिवर मेडिटेशन कहा जाता है। उन्होंने कहा कि पैसिव मेडिटेशन आंतरिक होती है इसके लिए आंखें बंद करनी पड़ती है। इस मेडिटेशन को करने के तरीके अलग-अलग हैं।

कुछ लोग सांसो ऊपर ध्यान लगाते हैं कुछ लोग मानसिक चित्रण देखते हैं,कुछ लोग अपने इष्ट को देखते हैं, कुछ लोग अपने माथे के बीच में ध्यान लगाते हैं तो कुछ लोग संवेदना को देखते हैं। उन्होंने कहा कि पैसिव मेडिटेशन को करने के बहुत सारे तरीके होते हैं।पर सवाल ये है कि कौन से तरीके से मेडिटेशन की जाए, जिससे हमारे मानसिक और अध्यात्मिक जीवन का विकास हो सके। उन्होंने कहा कि जो मेडिटेशन सिर्फ इंसानियत धर्म को सिखाती हो उसके लिए सबसे पहले बाहरी और आंतरिक तो पर जो भी कार्य हम कर रहे हैं उन कार्य को करते समय हमें हर क्षण जागरुक रहने की जरुरत है। जैसे-जैसे हमारा जागरुकता का स्तर बढ़ेगा वैसे वैसे हम मेडिटेशन को जानना शुरु कर सकते हैं।

राम प्रकाश ने बताया कि जागरूकता ही मेडिटेशन का आधार है जागरुक कैसे रहते हैं यह सीखना भी बहुत जरुरी है। जब हम प्रेक्टिकल रूप से मेडिटेशन को करेंगे, तभी हम मेडिटेशन की असलियत को जान सकते हैं। अकादमी के निदेशक रामप्रकाश ठाकुर ने कहा मेडिटेशन सीखना हर बच्चे युवा और बुजुर्ग को बहुत जरुरी है, जिससे हम इस दुनिया में आने का और अपने जीवन का असली उद्देश्य जान सकते हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना समय में सुबह 5ः00 बजे से 6ः00 बजे तक सैंकडों लोगों ने ऑनलाइन ज़ूम ऐप के माध्यम से मेडीटेशन का फायदा है। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ज़ूम ऐप के माध्यम से एक बार फिर से शुरु मेडीटेशन कार्यक्रम शुरू किया जाएगा,ताकि लोगों को इससे फायदा मिल सके।