चैक डैमों के ध्वसत होने से किसानों के खेत हुए बर्बाद

विनय महाजन। नूरपुर

नूरपुर वन रैंज में भारत सरकार व राज्य सरकार की जल भंडारन योजना के तहत जल मिशन के तहत वन विभाग द्वारा हर खेत को पानी देने के लिऐ छोटे-छोटे चैक डैम वनाऐ गऐ। अभी तक तीन चैक डैमों के कुछ हिस्सों को अकस्मात बारिस से काफी नुक्सान पहुंचा है।

चैक डैम के किनारे पर स्थित किसानों के खेत इस बारिस से ध्वसत हो गए हैं जिन किसानों के खेतों की जमीन का कटाव हुआ है उन्हें काफी नुक्सान हुआ है। उन किसानों की नींद हराम हो गई है। किसानों का कहना है कि जमीनो का कटाव इस बारिस में हो रहा है लेकिन अभी तक विभाग को इस विषय में सुध लेने का वक्त नहीं मिला। सरकार के लाखों रुपये पानी में बह गऐ लेकिन सरकार की अफसरशाही व काम करने वाली कम्पनीयों को कोई भी चिन्ता नहीं है।

जबकि ऐसे किसानों की नींद बरसात को देखकर उड़ जाती है। बारिस में यदि अगर जरा सी भी असावधानी हो जाऐ तो कोई भी नुक्सान हो सकता है। कुल्हाण पंचायत मे एक पशुशाला इस चैक डैम के कुछ हिस्से के ध्वसत होने से वह गयी। खैरियां पंचायत के दरड वाले पर बनने वाले चैक डैम का कुछ भाग ध्वसत होने से आस-पास के किसान के खेत की भूमि के कटाव को लेकर परिवार चिन्ता में हैं।

इन हल्को के कुछ लोगों ने इन चैक डैम के निर्माण पर भी अुंगली उठाते हुए इनकी जांच की मांग मुख्यमन्तरी जयराम ठाकुर से की है। बारिस का सीजन होने से किसान और भयवीत है। विभाग की खामोशी पर इस विषय में भी प्रश्न चिह्न बना हुआ है। इस विषय में नूरपुर रैंज अधिकारी शशी पाल का कहना है कि जिन तीन चैक डैम के कुछ भाग इस अकस्मात बारिस में टूटे है वह निर्माणधीन है।

जिन पर अभी हाल ही में काम लगा हुआ है। इन तीन चैक डैम टूटने का कारण लगाया गया मैटरियल अभी सूखना बाकी था एकदम तेज बारिस हो गयी। अभी तक नूरपुर रैंज में 38 चैक डैम बन चुके है जिनमें तीन को थोडा नुक्सान हुआ है। बरसात के मौसम के बाद इन सभी को ठीक करवा दिया जाऐगा। उन्होने निर्माण में हुई अनियमताओं के आरोप पर लोगों की चरचाओं को बेबुनियादी बताया।