आसान तरीकों से पाएं खर्राटों से छुटकारा

उज्जवल हिमाचल डेस्क…

कई लोगों को सोते समय खर्राटे लेने की आदत होती है। कभी-कभी इन खर्राटों की आवाज इतनी तेज होती है कि इससे अगल-बगल सोने वाले लोग भी परेशान हो जाते हैं। तेज खर्राटे कभी-कभी किसी गंभीर समस्या का भी संकेत देते हैं।

खर्राटे लेने के दौरान एक कर्कश आवाज निकलती है। ऐसा तब होता है जब सांस लेने के दौरान हवा का बहाव गले में स्थित ऊतकों में कंपन पैदा करता है। जब आप गहरी नींद में सोते हैं तो आपके मुंह, जीभ और गले की मांसपेशियों को आराम मिलता है। इस दौरान गले के ऊतक इतने ढीले हो जाते हैं कि वो आंशिक रूप से वायुमार्ग को ब्लॉक करने लगते हैं और इसकी वजह से कंपन होने लगता है।

वायुमार्ग जितना संकुचित होता है, हवा का प्रवाह उतना तेज होता जाता है। यह ऊतक कंपन को बढ़ाता है, जिससे खर्राटे की आवाज जोर-जोर से आती है। खर्राटे आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि साइनस की समस्या, शराब का ज्यादा सेवन, एलर्जी, कोल्ड या फिर मोटापा. इसे एक डिसऑर्डर से भी जोड़ कर देखा जाता है जिसे ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया कहा जाता है। कुछ तरीकों से खर्राटे की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

पीठ के बल सोने पर जीभ और तालू वायुमार्ग को संकुचित करते हैं और इसकी वजह से नींद के दौरान कंपन की आवाज पैदा होती है। साइड की तरफ सोने से इसे रोकने में मदद मिलती है। शरीर के बराबर तकिए पर सोने से भी खर्राटे कम आते हैं क्योंकि ये बॉडी का बैलेंस एक तरफ बनाए रखता है। सिर ऊंचा करके सोने से भी खर्राटे कम आते हैं क्योंकि ये नाक के वायुमार्ग मार्ग को खोलता है और खर्राटों को रोकता है। हालांकि, इससे गले में दर्द की भी शिकायत हो सकती है।

तरल पदार्थ का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें और खुद को हाइड्रेटेड रखें। डिहाइड्रेशन होने पर नाक और तालू चिपचिपे हो जाते हैं और इसकी वजह से खर्राटे ज्यादा आते हैं। इसे दूर करने के लिए खूब पानी पिएं और लिक्विड डाइट की मात्रा बढ़ाएं।