उद्योग मंत्री ने बनूड़ी में गोपाष्टमी महोत्सव में की शिरक्त

पहाड़ी गांधी बाबा कांशी राम वन विहार का किया शुभारंभ

उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा

हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसी सरकार ने गोवंश के बारे में चिंता की और उसके संरक्षण-संवर्धन हेतु कार्य करने का संकल्प लिया। उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने रविवार को जसवां परागपुर विधानसभा क्षेत्र के बनूड़ी गांव में स्थित गौशाला में हिमाचल संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित दो दिवसीय गोपाष्टमी महोत्सव में बतौर मुख्यातिथि शिरक्त करते हुए यह शब्द कहे। कार्यक्रम का आरंभ गोपूजन से करते हुए उन्होंने कहा कि गौ हमारी संस्कृति और पहचान का आधार है। उन्होंने कहा कि गौ न केवल स्वास्थ्य लाभ अपितु सुख-समृद्धि का भी साधन है।

उन्होंने कहा कि गोवंश का संवर्धन एवं संरक्षण इसलिए आवश्यक है। क्योंकि इससे हम गोवंश का बचाव नहीं अपितु अपना बचाव कर रहे हैं। उद्योग मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में चल रही प्रदेश सरकार ने गोवंश के संवर्धन-संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए प्रदेश में गौसेवा आयोग की स्थापना की और उसके माध्यम से अब गौ संवर्धन-संरक्षण के अनेक कार्य सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार किसी सरकार द्वारा इस दिशा में उठाया गया कदम है।

उन्होंने कहा कि गौ संरक्षण-संवर्धन सरकार के साथ-साथ पूरे समाज की जिम्मेदारी है, इस हेतु बेसहारा गौवंश की समस्या से निजात पाने के लिए समाज भी अपनी भूमिका निभाए। इस अवसर पर उद्योग मंत्री में गौसदन परिसर में ही पहाड़ी गांधी बाबा कांशीराम वन विहार का भी शुभारंभ किया। पहाड़ी गांधी बाबा कांशीराम के नाम से खोले गए इस वन विहार को अच्छे से विकसित करने के निर्देश उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि हमारा क्षेत्र देवी-देवताओं का क्षेत्र है। इसलिए गौ के प्रति हमारा व्यवहार और चिंतन भी देवत्व वाला होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हिमाचल संस्कृत अकादमी एवं श्रीसत्य साईं सेवा समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम से क्षेत्र में एक दिव्यता का माहौल बना है। उन्होंने कहा कि भौतिक विकास के साथ-साथ क्षेत्र में आध्यात्मिक विकास भी आवश्यक है, इसलिए ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय पर होता रहाना चाहिए। उन्होंने इस अवसर पर गौसदन समिति द्वारा बताई गई मांगों पर तुरंत प्रभाव से कार्य करने के अधिकारियों को निर्देश दिए और साथ ही जनकल्याण सभा की ओर से 1,11,111 रूपए दान के रूप में भेंट किए।

कार्यक्रम में हिप्र केंद्रीय विश्वविद्यालय में भाषा संकाय के अधिष्ठाता एवं संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष आचार्य ब्रहस्पति मिश्र ने बतौर मुख्यवक्ता शिरक्त करते हुए गौमहिमा पर अपने विचार लोगों के समक्ष रखे। उन्होंने कहा कि गौसेवा का महत्व हम इसी बात से समझ सकते हैं कि भारत में जितने भी समाज-जीवन को दिशा देने वाले लोग हुए उन सबने गौसेवा, गौसंवर्धन एवं संरक्षण को प्राथमिकता दी। हिमाचल संस्कृत अकादमी से डॉ मनोज शैल ने संस्कृत के लिए अकादमी द्वारा किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डालते हुए, सरकार के प्रयासों की सराहना की।

इस अवसर पर डॉ अमनदीप शर्मा, अधिशाषी अभियंता जलशक्ति विभाग संदीप चौधरी, डीएफओ देहरा आरके डोगरा, रांजिन्द्र सिंह राणा, वीर चक्र कैप्टन सुशील, हरबंस कालिया, अनिता सुपेहिया, कुलविंदर पठानिया, राकेश पठानिया, रिक्की ठाकुर, मनमोहन, सुरेश ठाकुर व विरेंद्र ठाकुर सहित सत्य साईं सेवा समिति के सदस्य एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।