सरकार की उपेक्षा का शिकार स्कूल

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

चंगर क्षेत्र का राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, कोठार-रानीताल की सरकारी उपेक्षा के चलते भवन निर्माण के पूरा होने व मरम्मत कार्य को अमल में लाने की उम्मीद लगभग खत्म हो चुकी है। 2015 से जारी नई इमारत का निर्माण कार्य पर्याप्त धन के अभाव में बंद पड़ा है तथा पुराने भवन की मरम्मत के लिए आवंटित आठ लाख रुपए की राशि लोक निर्माण विभाग खर्च नहीं कर पाया है।

इस बात की जानकारी उक्त विद्यालय से सेवानिवृत्त हुए प्रधानाचार्य एवं हिमाचल प्रदेश स्कूल लेक्चरर संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कल्याण भण्डारी ने प्रेस को जारी एक बयान में दी। भण्डारी ने कहा कि लोक निर्माण विभाग द्वारा शेष बचे निर्माण कार्य के लिए 16 लाख से कुछ अधिक राशि का प्राक्कलन स्कूल प्रशासन को प्रस्तुत किया था, जिसे समय रहते उप निदेशक (उच्च शिक्षा) कांगड़ा को विभाग द्वारा धन आवंटन हेतु आगामी कार्यवाही के लिए भेज दिया गया था परन्तु आज तक बजट प्रदान नहीं किया गया है।

नतीजतन उक्त बिल्डिंग का लगभग एक चौथाई निर्माण अधूरा पड़ा है। वहीं दूसरी ओर पुरानी इमारत की मरम्मत के लिए आवंटित आठ लाख रुपए का इस्तेमाल लोक निर्माण विभाग नहीं कर पाया है। उक्त राशि को स्कूल प्रशासन ने जनवरी 2020 को शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार कांगड़ा ट्रेज़री में जमा करवाया है और उक्त मरम्मत कार्य को शुरू करने के लिए सम्बंधित विभाग को वाकायदा प्रार्थना-पत्र भी लिखा है परन्तु आज दिन तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। इन सब के पीछे क्या कारण हैं या फिर क्या मंशा है समझ से परे है। कल्याण भण्डारी ने कहा कि दोनों विभागों का भेदभाव पूर्ण रवैये के कारण इलाके की जनता और विद्यार्थियों में रोष पनप रहा है।

अतः सूबे के मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से आग्रह है कि वे इस मसले को अपने संज्ञान में लेकर सम्बंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय कर उचित एवं आवश्यक कार्यवाही अमल में लाएं अन्यथा आक्रोशित लोग प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगें।