उज्ज्वल हिमाचल। मंडी
अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत जिला में 162 सरोवरों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। अमृत सरोवरों में बरसाती पानी को जमा करके भू-जल स्तर को ऊपर उठाया जा सकेगा। इससे पानी की किल्लत दूर होगी वहीं किसानों को भी इससे सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा। मंडी जिला के दं्रग विकास खण्ड की बात करें तो द्रंग विकास खण्ड में इस योजना के अर्न्तगत 73 लाख रुपये की लागत 17 अमृत सरोवरों का निर्माण किया गया है। इनके निर्माण से जहां द्रंग के किसानों को तो लाभ मिलेगा वहीं इस इलाके के भेड पालक भी इससे लाभान्वित हो सकंेगे। इस क्षेत्र के भेड़ पालक सर्दियां शुरू होने और खत्म होने पर जब वह अपनी भेड बकरियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते थे तो उन्हें भेड बकरियों को पानी पिलाने की बहुत मुश्किल होती है। अब इन सरोवरों के बन जाने से उनकी यह दिक्कत भी दूर होगी।
73 लाख रुपये की लागत से बनाए गए हैं अमृत सरोवर
इन पंचायतों में बनाए गए हैं सरोवर
अमृत सरोवरों का निर्माण 14 ग्राम पंचायतों में किया गया है। जिनमें बथेरी, बह, भरारू, लटरान, तरस्वान, सिउन, बल्ह, कचोटधार, जिमजिमा, बिउ, पाली, नोहली, जिल्हन और बरोट शामिल है। ग्राम पंचायत तरस्वान, लटरान और भरारू में दो-दो सरोवर बनाए गए हैं।
पानी की कमी की समस्या का होगा समाधान
पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा जल का प्रवाह अत्यधिक होने से अधिकांश जल बहकर नदीं-नालों में चला जाता है। पानी के साथ-साथ मृदा कटाव भी होता है, जिससे उपजाऊ भूमि की उर्वरता कम होती है। लेकिन इस तरह के अमृत सरोवरों का निर्माण किए जाने से वर्षा जल को अधिक से अधिक मात्रा में संग्रहित किया जा सकता है। जिससे अधिकाधिक क्षेत्र की सिंचाई करते हुए किसानों व बागवानों द्वारा अधिक उत्पादन भी प्राप्त किया जा सकता है।
जिला में 210 सरोवरों का होगा निर्माण
उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने बताया कि जल संरक्षण और संचयन के उद्देश्य से शुरू की गई अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत मंडी जिला में लगभग 210 अमृत सरोवर बनाए जाने है। इनमें से 162 का निर्माण पूरा कर लिया गया है जबकि 31 दिसंबर, 2023 तक शेष 48 का भी निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। इससे सूखते प्राकृतिक जल स्रोतों को रिचार्ज कर उन्हें मूल स्वरूप में वापस लाने में मदद मिलेगी और लोगों को कृषि और बागवानी के लिए सिंचाई की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
ब्यूरो रिपोर्ट मंडी
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