यहां लोग भूत को पिलाते हैं पानी, जाने क्या है इसका रहस्य

उज्जवल हिमाचल। डेस्क
हिमाचल खूबसूरत वादियों और घाटियों के लिए दुनियाभर में मशहूर है। देश-विदेश से लोग हिमाचल घूमने आते हैं। पहाड़ों का प्रदेश न केवल हॉलिडे प्वाइंट है, बल्कि हनीमून स्पॉट भी हैं। यहां लोग खुद को प्रकृति के करीब पाते हैं। हालांकि, इस धरती पर कई ऐसे रोमांचित और रहस्मयी जगह भी हैं, जिनके बारे में जानकर रूह कांप उठती है।

इनमें एक स्थान गाटा लूप्स है जो अपने घुमावदार सडक़ों के लिए विश्व विख्यात है। गाटा लूप्स में हेयरपिन जैसी कुल 21 घुमावदार चक्कर हैं, जबकि यह जगह 17 हजार फीट ऊंची चोटी पर है। हर घुमावदार चक्कर की दूरी लगभग 300 से 600 मीटर है, जबकि अंतिम के दोनों लूप्स की दूरी लगभग एक किलोमीटर है। यह रास्ता आम नहीं है, क्योंकि बहुत लोग इस रास्ते से नहीं जाते हैं, बल्कि शॉटकट अपनाते हैं, जबकि ट्रकों के लिए यह घुमावदार रास्ता अनुकूल है। ऐसा कहा जाता है कि शीत ऋतु में बर्फवारी के कारण गाटा लूप्स से संपर्क टूट जाता है। इस स्थान पर एक मंदिर है जो प्रेतात्मा को समर्पित है।

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपे एक लेख के अनुसार, 1999 की बात है। जब एक ट्रक 19वें लूप पर खराब हो गया। इसके बाद ड्राइवर और हेल्पर ने उसे ठीक करने की पूरी कोशिश की, लेकिन उन्हें इसमें कामयाबी नहीं मिली। इस बीच भारी बर्फवारी की वजह से यह रास्ता बंद हो गया। काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी किसी की सहायता नहीं मिली, तो ड्राइवर ने नजदीक के गांव से मदद लेने की सोची। इस दौरान हेल्पर की तबीयत बिगड़ गई। इस वजह से ड्राइवर अकेले ही गांव की तरफ निकल पड़ा, जबकि भूख और प्यास की वजह से हेल्पर की तबीयत और बिगड़ती गई। जब कुछ दिनों बाद ड्राइवर गांव वालों को लेकर ट्रक के पास पहुंचा, तो हेल्पर को मृत पाया। इसके बाद लोगों ने हेल्पर का उसी जगह पर अंतिम संस्कार कर और उस स्थान पर एक छोटा सा घर बना दिया। ऐसा कहा जाता है कि हेल्पर आज भी गाटा लूप्स पर रहता है। कुछ लोगों ने हेल्पर को देखने का दावा किया है। आज भी लोग गाटा लूप्स से गुजरते वक्त हेल्पर को पानी और जरूरत की चीजें देकर ही गुजरते है। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई। हां, वहां पर एक छोटा सा घर जरूर है और आते-जाते लोग पानी की बोतल जरूर रख जाते हैं।