हिमाचल का सबसे ऊंचा मतदान केन्द्र, जहां लोगों को जाना पड़ता है पीठ या पालकी में

सड़क से करीब 10 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़ने के बाद लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते हैं।

Highest polling station of Himachal, where people have to go in back or palanquin
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र पांगी के मुर्छ मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए मतदाताओं को तीन घंटे का पैदल सफर तय करना पड़ता है

डेस्कः हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र पांगी के मुर्छ मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए मतदाताओं को तीन घंटे का पैदल सफर तय करना पड़ता है। सड़क से करीब 10 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़ने के बाद लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते हैं। बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को पालकी या पीठ पर उठाकर मतदान करने के लिए पहुंचाना पड़ता है। मुर्छ मतदान केंद्र के अंतर्गत गांव 97 मतदाता आते हैं। प्राथमिक पाठशाला चस्क में मतदान केंद्र बनाया जाता है। यहां 48 महिला और 49 पुरुष वोटर मतदाता मतदान करते हैं।

पांगी के मुर्छ मतदान केंद्र को वर्ष 2017 तक जिला चंबा का दुर्गम और सबसे ऊंचाई पर स्थित मतदान केंद्र का तमगा मिला था। हालांकि, वर्तमान में चुराह के टेपा को निर्वाचन आयोग की ओर से दुर्गम क्षेत्र में स्थित मतदान केंद्र चुना गया है। जानकारी के अनुसार जनजातीय क्षेत्र पांगी के तहत पहले चस्क भटोरी और मुर्छ मतदान केंद्र सबसे ऊंचाई पर स्थित थे। चस्क-भटोरी तक सड़क का निर्माण हो गया है। मुर्छ तक पहुंचना अभी भी लोगों के लिए चुनौती से कम नहीं है। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही हिमाचल में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। जिला निर्वाचन आयोग ने भी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां पूरी कर ली हैं।