बर्फानी तेंदुए की गिनती करने वाला पहला राज्य बना हिमाचल, इतने तेंदुए मिले

Himachal becomes the first state to count snow leopard, so many leopards found
इनमें से 7 किस्म की दुर्लभ मुर्गा प्रजातियां भी मिली है

शिमलाः हिमाचल प्रदेश में 52 से लेकर 73 बर्फानी तेंदुए के मिलने का अनुमान हैं। हिमाचल बर्फानी तेंदुए और इसके शिकार बनने वाले जानवरों का मूल्यांकन करने वाला पहला राज्य है। राज्य वन विभाग के वन्यप्राणी प्रभाग ने प्रकृति संरक्षण फाउंडेशन बंगलूरू के सहयोग से राज्य में बर्फानी तेंदुए की गिनती की है।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के स्नो लैपर्ड पॉपुलेशन असेसमेंट इन इंडिया के प्रोटोकोल के आधार पर बर्फानी तेंदुए की गिनती का आंकलन किया गया है। तीन साल तक बर्फानी तेंदुए की गिनती की गई। आजकल वन्यप्राणी सप्ताह मनाया जा रहा है। जिसमें वन्य प्राणियों के सरंक्षण व संबर्धन के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

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राजीव कुमार, प्रधान मुख्य संरक्षक (पीसीसीएफ) वन्यजीव ने बताया कि जम्मू कश्मीर उत्तराखंड में बर्फानी तेंदुए पाए जाते हैं। बर्फानी तेंदुए का घनत्व 0.08 से 0.37 प्रति सौ वर्ग किलोमीटर है। स्पीति, पिन घाटी और ऊपरी किन्नौर के हिमालयी क्षेत्रों में बर्फानी तेंदुए और उसके शिकार जानवरों आइबैक्स और भरल का घनत्व सबसे अधिक पाया गया।

उन्होंने बताया कि दस स्थलों भागा, हिम, चंद्र, भरमौर, कुल्लू, मियार, पिन, बसपा, ताबो और हंगलंग में हिम तेंदुओं का पता चला है। भागा अध्ययन से यह भी पता चला है कि बर्फानी तेंदुए की एक बड़ी संख्या संरक्षित क्षेत्रों के बाहर है। हिमाचल प्रदेश में 640 पक्षियों की प्रजातियां रेकॉर्ड की गई है।

इनमें से 7 किस्म की दुर्लभ मुर्गा प्रजातियां भी मिली है। जिसमें जुजुराना भी शामिल है। हिमाचल के वनों में अभी भी वन्य प्राणियों की कई प्रजातियाँ हैं जिनके बारे में शोध करने की जरूरत है। स्नो लेपर्ड को लेकर “सिक्योर हिमालय प्रोजेक्ट” भी चलाया जा रहा है जिसमें लोगों को वन्य प्राणियों के बारे में लोगों को जागृत कर वनों में ना जाने व स्नो लेपर्ड जैसे दुर्लभ जानवरों का शिकार ना करने के प्रति जागरूक करवाया जा रहा है।

ब्यूरो शिमला।

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