#Himachal: चंबा की साहू पंचायत में स्वास्थ्य केंद्र के बंद रहने से मरीजों के लिए बना परेशानी का सबब

शैलेश शर्मा। चम्बा

चंबा मुख्यालय से महज 18, किलोमीटर दूर साहू पंचायत में बनी चार मंजिला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की इमारत बंद होने से लोगों को काफी दिक्ततो का सामना करना पड़ रहा है। बताते चले कि इस क्षेत्र में करीब 9, पंचायते आती है और इन पंचायतों में रह रहे हजारों की संख्या में ग्रामीण इस सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आकर अपने बच्चों के साथ बड़ो का इलाज करवाते है। इन ग्रामीणों का रोष है कि इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कम से कम पांच डॉक्टर होने चाहिए वन्हा पर एक भी डॉक्टर नही है।

इन ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि इस स्वास्थ्य केंद्र के बाहर लिखा हुआ है की इस हस्पताल में 24, घंटे स्वास्थ्य सुविधा लोगों को मिलेगी पर यह स्वास्थ्य केंद्र रोजाना चार बजे ही बंद कर दिया जाता है और रविवार के दिन तो वैसे भी नही खुलता है। चंबा विधानसभा क्षेत्र के दायरे में पड़ने वाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र साहू का हस्पताल जोकि स्वास्थ्य सुविधा के अभाव के चलते खुद ही बीमार पड़ा हुआ है। इस हस्पताल में अपने परिजन का इलाज करवाने पहुंची इन महिलाओं का कहना है कि सरकार ने भले ही हमारे क्षेत्र में इतना बड़ा हस्पताल बना दिया हो पर यहां पर इलाज करने वाला कोई नहीं होता है चाहे कोई व्यक्ति मरता मर जाए यहां पर पूछने वाला कोई नहीं है।

यहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि 30, बिस्तरो की क्षमता लिए इस हस्पताल को चलाने जहां कम से कम पांच डॉक्टर के इलावा पैरामेडिकल, और नर्स स्टाफ काफी होना चाहिए पर नाम मात्र हस्पताल कर्मियों के साथ इस हस्पताल के कार्य को घसीटा जा रहा है। इन लोगों ने बताया कि छुट्टी वाले दिन तो यह हस्पताल बंद तो रहता ही है पर वर्किंग वाले दिन भी यह हस्पताल ठीक चार बजे बंद कर दिया जाता है।

ग्राम पंचायत साहू में बना यह सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जिसमे 9, पंचायते आती है और इन सभी पंचायतों में रहने वाले हजारों की संख्या में लोग इसी सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आकर अपना इलाज करवाते है। इस हस्पताल में इलाज करवाने पहुंचे इन ग्रामीण लोगों ने बताया कि छुट्टी वाले दिन वैसे भी यह हस्पताल बंद रहता है और इस दिन कोई भी बस हमारे यहां से नही जाती है, इस स्तिथि में अगर कोई बीमार आए तो वह भला अपना इलाज कहां से करवाए। यह लोग जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार से मांग कर रहे है कि इतनी बड़ी हस्पताल की इमारत बनाने का क्या फायदा जहां मरीजों का इलाज करने वाला कोई नहीं इससे तो बेहतर है कि इस हस्पताल को सड़क किनारे फिर रहे आवारा पशुओं के लिय खोल दिया जाए ताकि यह हस्पताल इंसानों के लिए नही तो जानवरों के काम तो आ सके।