महिला मंडलों को आय की दृष्टि से मजबूत करने की आवश्यकता: पराशर

-कैप्टन संजय ने घमरूर पंचायत में किया 14वें महायज्ञ का आयोजन

उज्जवल हिमाचल। चिन्तपूर्णी

कैप्टन संजय ने कहा है कि वह सामाजिक समरसता लाने के उदे्श्य से महायज्ञों का आयोजन कर रहे हैं। इन महायज्ञों के पीछे भावना यही है कि सभी में प्रेम और सौहार्द बढ़े और समाज के सभी वर्ग साथ मिलकर चलें। मंगलवार को जसवां-परागपुर क्षेत्र की घमरूर पंचायत के बरनाली में आयोजित 14वें महायज्ञ में पराशर ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए पराशर ने कहा कि सामाजिक समरसता से ही कोई समाज, क्षेत्र या राष्ट्र शक्तिशाली बनता है। इस महायज्ञ में घमरूर पंचायत के दो सौ से अधिक परिवारों ने शामिल होकर पवित्र हवनकुंड में आहुतियां डालीं।

संजय ने कहा कि जसवां-परागपुर क्षेत्र की लगभग हर पंचायत में महिला मंडलों का गठन हुआ है और बड़ी संख्या में महिलाएं इन मंडलों से जुड़ी हुई हैं। महिला मंडल भवनों में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हों। इन भवनों में लघु उद्योग स्थापित करके महिलाओं को आय कमाने का जरिया मिल सकता है। सही मायनों में महिला मंडलों को आर्थिक दृष्टि से भी सशक्त करने की आवश्यकता है।

नारी सशक्तीकरण उनके विजन में प्रमुखता से शामिल है। कहा कि उन्होंने अपने संसाधनों से महिला मंडल के भवनों को मजबूत करने का प्रयास किया है। घमरूर पंचायत में दो महिला मंडल भवनों में बिजली के मीटर और वायरिंग लगवाई है। मर्चेंट नेवी में क्षेत्र की पहली बेटी सिमरन घमरूर पंचायत से ही अपना भविष्य बनाने जा रही है।

इस बेटी को बकायदा कोचिंग मुंबई से दिलवाई गई और उसने अंग्रेजी भाषा में सुधार स्थानीय फ्री कंप्यूटर व इंग्लिश लर्निंग सेंटर से किया। कहा कि इस बेटी ने खुद को साबित किया और वह प्रवेश परीक्षा में उतीर्ण हो गई। कहा कि उनका प्रयास है कि जसवां-परागपुर क्षेत्र की ज्यादा से ज्यादा बेटियां मर्चेंट नेवी में नौकरी करें और जहाज की कप्तान बनें। पराशर ने कहा कि घमरूर पंचायत की समस्याओं का भी समय के साथ हल होना चाहिए।

पेयजल की किल्लत से स्थानीय वासियों को परेशान होना पड़ता है। इस समस्या के हल को लेकर स्थाई रूप से काम करना होगा। पंचायत में बेसहारा पशुओं को लेकर भी किसान बेहद तंग हैं। इसी कारण कई किसानों ने खेती करने से ही तौबा कर ली है। गौशाला के प्रावधान के साथ किसानों को भी खेतों की बाड़बंदी करने के लिए प्रेरित करना होगा। इस गांव के मछुआरों की जो समस्याएं हैं, उन पर भी शासन को गौर करना होगा।

पराशर ने कहा कि विकास की प्रक्रिया में हर गांव व हर नागरिक को शामिल करना होगा और इसके लिए जमीनी स्तर पर प्रयास करने होंगे। इस अवसर पर घमरूर पंचायत के पूर्व उपप्रधान दुनी चंद राणा, सेना से सेवानिवृत कैप्टन अशोक व कमल, रमेश चंद, राज कुमार, सुरेन्द्र सिंह, दीपक राम, संजीव कुमार, केवल कांत, जतिन्द्र, पूर्व पंचायत प्रधान सुदेश कुमारी, करनैल सिंह, सुभाष शर्मा, राकेश कुमार बंटू, हरनाम सिंह, शुभम राणा, स्थानीय महिला मंडल प्रधान वंदना देवी और पुष्पा भी मौजूद रहे।