उज्जवल हिमाचल। मंडी
अपने अंदर पूरे हिमाचल को संजोए हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी (Himachal Darshan Photo Gallery) पर एक बार फिर से संकट के बादल मंडराना शुरू हो गए हैं। जिसको लेकर गैलरी के संस्थापक बीरबल शर्मा ने उपायुक्त मंडी को गैलरी के संरक्षण को लेकर एक ज्ञापन प्रेषित किया हैं।
बीरबल शर्मा ने बताया कि मंडी-कुल्लू मार्ग पर हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी 24 अप्रैल 1997 से स्थापित है। इसमें एक ही छत के नीचे पूरे हिमाचल के दर्शन कुछ ही पलों में हो जाते हैं। यहां एक म्यूजियम व पुस्तकालय के साथ-साथ प्राचीन बरसेले भी स्थापित किए गए हैं।
उन्होनें कहा कि पांच लाख से अधिक दर्शक अब तक यहां देश-विदेश व प्रांत से आ चुके हैं और 26 सालों से इसे निःशुल्क दिखाया जा रहा है। यह गैलरी देश भर में स्थापित संग्रहालयों की सूची में भी शामिल है। बीरबल शर्मा की मानें तो कीरतपुर -मनाली फोरलेन के बीच आ जाने से 2018 में इस गैलरी को तोड़ना पड़ा था, इसके बावजूद भी वहां पर बच गई बाकी जगह पर ही इसे किसी न किसी तरह से अस्थायी तौर पर बनाए रखा ताकि दर्शकों के लिए यह उपलब्ध रहे।
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पांच साल की अथक मेहनत व प्रयासों के बाद अब इसका काम लगभग पूरा हो चुका है तथा एक पक्का व ऐतिहासिक अद्भूत ठिकाना इसे मिल गया है। लेकिन 26 मई 2023 को एक अधिसूचना जारी होती हैं, जिसमें प्रस्तावित पठानकोट-मंडी फोरलेन में फोटो गैलरी परिसर को भी शामिल कर दिया गया है।
यह बेहद चिंताजनक, डरावनी व झटका देने वाली घटना है। उन्होनें कहा कि पांच साल पहले हम विस्थापित हुए, उसके बाद कड़ी मेहनत करके कर्जा जुटाकर किसी तरह से इसे खड़ा किया, तब किसी ने कुछ नहीं कहा मगर अब जबकि यह पूरी हो चुकी है।
तो फिर से पूरी तरह से विस्थापित हो जाने की सूचनाएं जानलेवा जैसी लगने लगी हैं। उन्होनें कहा कि अब हमारे पास इस गैलरी को स्थापित करने के लिए कोई भी जगह नहीं बची है। उन्होने अरिंदम चौधरी से उपायुक्त मंडी होने के नाते इस गैलरी को बचाने में सहयोग की मांग की हैं और इस बारे में एनएचएआई के पालमपुर स्थित परियोजना निदेशक विकास सुरजेवाला व अन्य अधिकारियों से इस मुद्दे को उठाकर किसी भी हालत में इस गैलरी को खत्म होने से बचाएं और गैलरी के आस पास व सामने निर्माण के लिए काफी ज्यादा खाली जगह पड़ी है। जो लोग देने को तैयार हैं, इससे सरकार को मुआवजा भी बहुत कम देना पड़ेगा।