एक तरफ अकेले बाली, दूसरी तरफ सुधीर-मुकेश बने दिग्गजों के मिलन सिपाही

2022 के चुनावों से पहले कांग्रेस में गुटबाजी की जंग, बैनर और पोस्टर प्रकरण के बाद शुरू हुई नई कहानी

सुमिता भंडारी। शिमला

हमेशा से ही कांग्रेस की परंपरा रही है कि चुनाव आने से ठीक एक साल पहले गुटबाजी हावी हो जाती है। हालाँकि अभी पूरी तरह से यह जंग खुलकर बाहर नहीं आई है, लेकिन भीतरखाते सबकुछ चल रहा है। बीते दिनों पूर्व मंत्री जीएस बाली के बैनर और पोस्टर को वीरभद्र समर्थकों ने फाड़ दिए तो उसी दिन से गुटबाजी की चिंगारी उठने लगी। भले ही आज कांग्रेस विपक्ष की भूमिका निभा रही हो, मगर अगला टारगेट सिर्फ तो सिर्फ 2022 का विधानसभा चुनाव है। कायदे से कांग्रेस के सभी नेताअेां को एकजुट होने की जरूरत है, मगर यहां कुछ विपरीत राजनीति की ओर इशारा कर रहा है। बैनर और पोस्टर प्रकरण के बाद यानी बीते दिनों कांग्रेस के पांच दिग्गजों ने नेताओं ने मिलन का प्रोग्राम बनाया। पहले दिन ऊना में पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा और विधायक आशा कुमारी नेता प्रतिपक्ष से मिले और अगले सासल होने वाले विधानसभा चुनावों पर मंथन भी किया गया। उसके बाद शिमला में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री की कोठी में पूर्व मंत्री कौल िसंह ठाकुर ,विधायक विक्रमादित्य सिंह, विधायक आशा कुमारी और पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा की गुफ्त-गू चलती रही। सूत्रों के मुताबिक ये पांचों नेता अब प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों के दौरे पर रहेंगे और नाराज नेताओं को एकजुट करने का प्रयास करेंगे। बताया गया कि पूर्व विधायकों, पूर्व सीपीएस समेत वीरभद्र गुट के नेताअेां को एकजुट कर अगले साल का चुनाव जीतने के लिए ऐसा सब कुछ चल रहा है। जिस तरह से इन पांच नेताओं की जुगलबंदी दिखाई दे रही है, इससे साफ जाहिर है कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इन्हें संकेत दे दिए हैं। ऐसे में सुधीर शर्मा और मुकेश अग्निहोत्री विरोधी गुट के नेताओं को मिलाने के लिए सिपाही का काम कर रहे हैं।

कांगड़ा में एक तरफ डटे हैं जीएस बाली

पूर्व मंत्री जीएस बाली कांगड़ा से लेकर हिमाचल की राजनीति में एक तरफ डटे हुए हैं। जबकि वीरभद्र समर्थक कौल सिंह गुट के नेताओं को एकजुट करने में लगे हुए हैं। मानने वाली बात यह है कि जीएस बाली खुद अकेले दम रखने वाले नेता हैं। तभी इन दिनों कौल सिंह और वीरभद्र गुट के नेताओं का मिलन चला हुआ है। संकेत यह भी मिल रहे हैं कि इनका मिलन अगले साल चुनाव से पहले सीएम पद के दावेदारी पर भी राजनीति चली हुई है। बता दें कि 2022 के चुनाव में जीएस बाली, कौल सिंह ठाकुर और मुकेश अग्निहोत्री में एक किसी एक नेता को सीएम पद का उम्मीदवारी िमल सकती है। यही वजह है कि आज आशा, कौल और मुकेश एक होकर नई पारी शुरु करने की तैयारी कर रहे हैं।